हेमंत शर्मा, इंदौर। लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के इंदौर सीट से प्रत्याशी रहे अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने और बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है। कोई रास्ता न निकलता हुआ देख पार्टी NOTA को वोट देने की अपील लोगों से कर रही है। इसके प्रचार के लिए कई सारे बैनर और पोस्टर भी लगवाए जा रहे हैं। ऑटो रिक्शा से लेकर शहर की दीवारों में नोटा के समर्थन में वोटिंग करने का आग्रह किया जा रहा है। वहीं बीजेपी घूम-घूम कर इन पोस्टरों को उतार रही है और उन्हें बीजेपी के पक्ष में अपील करने के लिए समझा रही है।  

इंदौर में कांग्रेस ने वोट फॉर नोटा अभियान को लेकर एक ऑटो के पीछे पोस्टर चिपकाए थे। इसे बीजेपी नेताओं ने हटा दिया और उनसे बीजेपी के पक्ष में वोट करने की अपील की। इसका एक वीडियो कांग्रेस नेता ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हुए लिखा, भाजपा नेता क्यों घबरा गए हैं? NOTA से सब मिलकर इंदौर में जनता की आवाज को दबाने में लगे हैं। निर्वाचन आयोग जनता को दिए गए अधिकार को खत्म कर रही है। जनता जाग चुकी है, नोटा दबा कर रहेगी।

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी संभागीय प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, पहले कांग्रेस प्रत्याशी का हरण किया। लोकतंत्र की हत्या करी। अब इंदौर की जनता को संवैधानिक अधिकार नोटा दबाने का मन बना चुका है, तो फिर आम जनता को अपने मत का अधिकार का उपयोग करने से रोकने की खुली मुहिम चलाई जा रही है। 

भाजपा ने मान लिया है, इंदौर मैं नोटा नंबर वन आयेगा। इसलिए क्या इंदौर जेसे शहर मै इस बार चुनाव में जनता को मतदान केंद्र तक भी भाजपाई पहुंचने देंगे की नहीं? जनता के अधिकार की हत्या मत करो। अपने प्रत्याशी के काम के आधार पर वोट मांगने की ताकत भाजपा खो चुकी है। मोदी मैजिक भी गायब हो चुका है। इसलिए भाजपा डरी हुई है। 

NOTA का समर्थन क्यों कर रही कांग्रेस

इंदौर लोकसभा सीट (Indore Lok Sabha Seat) से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम (Akshay Kanti Bam) ने 29 अप्रैल को अपना नामांकन फॉर्म वापस ले लिया। अक्षय बम विधायक रमेश मेंदोला के साथ फॉर्म वापस लेने आए थे। इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए और कांग्रेस के सामने संकट खड़ा हो गया।

क्या है नोटा

NOTA एक विकल्प के रूप में अधिकांश चुनावों में भारत के मतदाताओं को प्रदान किया गया है। नोटा के उपयोग के माध्यम से, कोई भी नागरिक चुनाव लड़ने वाले किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देने का विकल्प चुन सकता है। हालांकि, भारत में नोटा, जीतने वाले उम्मीदवार को बर्खास्त करने की गारंटी नहीं देता है। इसलिए, यह केवल एक नकारात्मक प्रतिक्रिया देने की विधि है । नोटा का कोई चुनावी मूल्य नहीं होता है, भले ही नोटा के लिए अधिकतम वोट हों, लेकिन अधिकतम वोट शेयर वाला उम्मीदवार अब भी विजेता होगा। 

इंदौर में 13 मई को होगा मतदान 

इंदौर लोकसभा सीट पर 13 मई को चौथे चरण में मतदान होगा। बीजेपी ने इस सीट से जहां शंकर लालवानी को टिकट दिया है। वहीं अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस से कोई प्रत्याशी वहां नहीं है। अक्षय के साथ 23 में से 9 उम्मीदवारों ने भी अपने नामांकन वापस ले लिए थे जिसके बाद 14 उम्मीदवार शेष बचे हैं। 

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