हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव राकेश सिंह यादव ने इंदौर में दो कार्यकारी महापौर नियुक्त करने की मांग की है। इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस नेता के सीएम डॉ मोहन यादव को लिखे गए पत्र से शहर की राजनीति में उबाल आ गया। भाजपा ने इस मांग को लेकर कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया है, जिससे दोनों दलों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
कांग्रेस के पत्र पर BJP की तीखी प्रतिक्रिया
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव पर तीखा हमला बोला हैं। राकेश सिंह को “स्वयंभू नेता” कहकर उनकी राजनीतिक हैसियत पर सवाल खड़े किए है। सलूजा ने कहा कि ‘राकेश सिंह यादव खुद को कांग्रेस का महासचिव और प्रवक्ता बताते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि उनके पास पार्टी में कोई आधिकारिक पद नहीं है। उनकी पहचान केवल आरोप लगाने तक ही सीमित है, जो अक्सर बेबुनियाद और तथ्यहीन होते हैं।’
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सलूजा ने राकेश सिंह यादव की मांग को लेकर कांग्रेस पर तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि ‘इंदौर के महापौर का पद एक निर्वाचित पद है, जिसे जनता ने लाखों वोटों से चुना है। कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि जनता ने अपने समर्थन से महापौर को चुना है, और इस तरह की मांग केवल राजनीतिक शिगूफा है। दो कार्यकारी महापौर की मांग कांग्रेस की उसी परंपरा का हिस्सा है, जहां निष्क्रियता के कारण कार्यकारी पद बनाए जाते हैं। यह परंपरा कांग्रेस में पुरानी है, जहां पार्टी अपने कमजोर नेतृत्व को सहारा देने के लिए कार्यकारी पदों का सहारा लेती है।’
कांग्रेस की संगठनात्मक स्थिति पर भी बोला हमला
भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस की संगठनात्मक स्थिति पर भी हमला बोला हैं। उन्होंने कहा कि ‘कार्यकारी की परंपरा उनके लिए रहती है जो अक्षम और नकारा हो इंदौर के महापौर तो विजमारी महापौर है। पढ़े-लिखे मेयर है शहर की जनता ने चुना है। महापौर शहर की दशा दिशा बदलने में लगे हुए हैं । बेहतर है कि कांग्रेस यह सच्चाई समझ लें फिर इस तरह के उलूल जुलूल जो स्वयंभू नेता बिना प्रमाण के आरोप लगाना बंद करे। अपने राष्ट्रीय नेतृत्व को पत्र लिखकर मांग करे की प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी निष्क्रिय नकारा साबित हो चुके हैं। वहां चार-चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करें। इंदौर के शहर कांग्रेस अध्यक्ष निलंबित पड़े हैं। वहां पार्टी निर्णय नहीं ले पा रही है। बेहतर हो कि अपने दामन में पहले देखे अपनी पार्टी में देखें और इसके बाद बचकाना पत्र लिखने का काम करें।
इंदौर की राजनीति में बढ़ता तनाव
इस मामले ने इंदौर की राजनीति में नया तनाव उत्पन्न कर दिया है। भाजपा की आक्रामक प्रतिक्रिया के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस आरोप-प्रत्यारोप की लड़ाई में कैसे जवाब देती है। दोनों दलों के बीच बढ़ता यह तनाव आने वाले दिनों में और भी गहरा सकता है, जिससे इंदौर की राजनीतिक स्थिति और गर्म हो सकती है।
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