नई दिल्ली। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी इकाई को अगले साल होने वाले नगर निकाय चुनाव में लगातार चौथी बार जीत हासिल करने का मंत्र दिया है. सोमवार को दिल्ली भाजपा की एक राज्य कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य इकाई से अभियान को सकारात्मक नोट के साथ शुरू करने, मतभेदों को खत्म करने और जमीनी स्तर पर उतरने के लिए कहा. टिकटों का फैसला सर्वे रिपोर्ट के आधार पर होगा. वहीं इसके नेताओं को पुराने कैडर तक पहुंचने के लिए भी कहा जाएगा.

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दिल्ली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने नेताओं से अभियान को सकारात्मक रूप से शुरू करने के लिए कहा, क्योंकि नकारात्मक अभियान विपक्षी दलों को फायदा पहुंचाते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को केवल निगमों और केंद्र में हमारी सरकार के बारे में सकारात्मक बातें करनी चाहिए. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि नकारात्मक बातचीत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने समझाया कि नकारात्मक बातचीत से प्रतिद्वंद्वियों को फायदा होता है.

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भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली प्रभारी बैजयंत जय पांडा ने कहा है कि आगामी निगम चुनावों में यह जनता ही तय करेगी कि किसे टिकट मिलेगा. पांडा ने कहा कि जो लोग टिकट चाहते हैं, उन्हें ‘गणेश परिक्रमा’ (वरिष्ठ नेताओं के चक्कर लगाना) बंद कर देनी चाहिए और लोगों के बीच जाकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिसे लोग चाहते हैं और जो साफ छवि का होगा, उसे टिकट मिलेगा.

 

सभी को लेकर साथ चलना होगा

बैठक में मौजूद पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि पांडा का संदेश स्पष्ट था कि टिकट सर्वेक्षण रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर तय किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि पांडा ने यह भी सुझाव दिया कि हमें समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना होगा और अगर हम इसमें सफल हो जाते हैं, तो कोई भी ताकत हमें न केवल आगामी निगमों के चुनावों में या अगले विधानसभा चुनावों में हरा सकती है. सूत्रों ने बताया कि पांडा ने मतभेदों को दूर करने की जरूरत पर भी बात की. उन्होंने कहा कि अगर सभी सात घोड़े अलग-अलग दिशाओं में चलने लगेंगे तो रथ आगे कैसे बढ़ेगा. रथ तभी आगे बढ़ सकता है, जब सभी घोड़े एक साथ एक दिशा में आगे बढ़ें. इसी तरह हमें एक साथ मिलकर काम करना होगा.

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बता दें कि दिल्ली के तीन नगर निगमों (एमसीडी) पर 15 साल से राज कर रही बीजेपी को अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) से कड़ी चुनौती मिल रही है. 2017 में भाजपा ने तीन निगमों में कुल 272 नगरपालिका सीटों में से 181 पर जीत हासिल की. आम आदमी पार्टी ने 49 सीटें जीती हैं और कांग्रेस 2017 के नगरपालिका चुनावों में केवल 31 सीटें जीतकर तीसरे स्थान पर आई है.