दिल्ली. तीन चरणों के मतदान के बाद भाजपा ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अपने पन्ना प्रमुखों के कार्यों की समीक्षा शुरू कर दी है. पहले दो चरणों में पिछले आम चुनाव की तुलना में काफी कम मतदान हुआ था. जबकि तीसरे चरण में भी मतदान कम हुआ. लेकिन पिछले दो चरण के लिहाज से यह थोड़ा बेहतर रहा. भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे के मतदाताओं के मतदान के लिए नहीं पहुंचने की बात करते हुए एक-दूसरे की हार का दावा किया था.

हालांकि भाजपा ने यह दावा किया है कि उसके मतदाताओं ने मतदान किया है. लेकिन आतंरिक स्तर पर भाजपा ने यह समीक्षा शुरू कर दी है कि क्या वास्तव में उसके कार्यकर्ता अपने मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ले जाने में सफल रहे हैं. भाजपा ने पहले तीन चरणों के मतदान वाली सीटों से जुड़े अपने पन्ना प्रमुखों और शक्ति केंद्रों के प्रमुखों से जमीनी रपट तलब की है.

बैठक में कई सवाल

प्रभारियों से सवाल किया गया है कि प्रति पन्ना के लिहाज से पन्ना प्रमुख कितने लोगों को वास्तविक रूप से मतदान केंद्र तक ले जाने में सफल रहे हैं. इन मतदाताओं ने चुनाव के प्रमुख मुददे क्या बताए थे. इनकी प्रमुख शिकायत क्या थी. यह कहा जा रहा है कि कई पन्ना प्रमुखों ने स्वीकार किया है कि वे मतदाताओं तक पहुंचे ही नहीं हैं. इसकी वजह यह है कि जनता के बीच यह माहौल है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से जीत रहे हैं. ऐसे में बहुत अधिक मेहनत की जरूरत नहीं है. भाजपा के एक नेता ने माना कि यह एक बड़ी समस्या बन सकता है. इसकी वजह यह है कि जनता से यह संदेश मिल रहा है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भाजपा फिर से जीत रही है. जिसकी वजह से कई भाजपा कार्यकर्ता जनता को मतदान केंद्र तक ले जाने को लेकर बहुत अधिक चिंतित नहीं हो रहे हैं. वे यह मानकर चल रहे हैं कि जनता अपने आप मतदान केंद्र जाकर अपना मत देंगे.