चंडीगढ़. लोकसभा हलकों में उम्मीदवार की घोषणा न होने से पंजाब में भाजपा प्रचार में पिछड़ रही है. भाजपा संसदीय बोर्ड के वरिष्ठ नेताओं के चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण बैठक नहीं हो पा रही है लिहाजा उम्मीदावरों की घोषणा में देरी हो रही है. भाजपा को फतेहगढ़ साहिब, श्री आनंदपुर साहिव, संगरूर और फिरोजपुर उम्मीदवार उतारने बाकी है.

पार्टी इसमें से फतेहगढ़ साहिब छोड़ कर अन्य 3 सीटों पर हिंदू उम्मीदवरों को मैदान में उतराने की रणनीति पर काम कर रही है. फिरोजपुर लोकसभा हलके में उम्मीदाशर तय करने में हो रही देरी का कारण बेहद दिलचस्प है. कैप्टन अमरेंद्र सिंह अपने बेहद नजदीकी राणा गुरमीत सोद्री को टिकट दिलाना चाहते हैं लेकिन प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ इस सीट से कांग्रेस नेता रमिंदर सिंह आवला को मैदान में उतारना चाहते है.

अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने सभी 13 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं जबकि कांग्रेस अभी फिरोजपुर के लिए भाजपा की रणनीति पर कड़ी नजर रखे हुए है. संभावना है कि अगर आवला भगवा पार्टी का दामन थामते हैं तो पूर्व सांसद हेर सिंह घुबाया के लिए बड़ा मौका होगा. संगरूर लोकसभा हलके से अरविंद खन्ना को मैदान में उतारने की तैयारी है. फतेहगढ़ साहिब से भाजपा को कोई बड़ा चेहरा नहीं मिल रहा है. यहां से कैप्टन, डा. दीपक ज्योति को टिकट दिलाना चाहते हैं.

डा. ज्योति, कैप्टन की पंजाब लोक कांग्रेस में थी और सन 2022 का विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं. श्री आनंदपुर साहिब से पूर्व सांसद अविनाश राय खन्ना टिकट के प्रबल दावेदार है जबकि पार्टी उपाध्यक्ष डा. सुभाष शमां भी दावेदार हैं.