जयपुर. भाजपा के लिए कई मोर्चों पर बुरी खबर है. पार्टी को केंद्र औऱ कई राज्यों में पटखनी देने के लिए विपक्षी दल एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं. कहीं-कहीं उनको सफलता मिल भी रही है. भाजपा के लिए राजस्थान का किला फतह करना भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

कभी भाजपा के संस्थापकों में से एक रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के बेटे और बाड़मेर के पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह कांग्रेस में किसी भी पल शामिल हो सकते हैं. उन्होंने पार्टी के साथ अपने मतभेदों का खुलेआम इजहार किया. लंबे समय से पार्टी में अपनी उपेक्षा से क्षुब्ध मानवेंद्र सिंह ने आखिरकार विधानसभा चुनावों पर अपनी रणनीति का खुलासा किया.

गौरतलब है कि मानवेंद्र औऱ उनके समर्थक अपने लिए राज्य या केंद्र में सम्मानजनक पद मांग रहे थे लेकिन राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उनको कोई तवज्जो नहीं दी. 2014 में जसवंत सिंह को बाड़मेर से टिकट भी नहीं दिया गया. जिससे नाराज मानवेंद्र ने भाजपा से उचित दूरी बना ली औऱ पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार तक चुनावों में नहीं किया.

मानवेंद्र सिंह के पिता जसवंत सिंह राजस्थान के बड़े भाजपा नेता रहे हैं. इसके साथ ही जसवंत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के बेहद करीबी थे. वे 4 बार लोकसभा औऱ 5 बार राज्यसभा से भी सांसद रहे. राजस्थान के सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं के मुताबिक 22 सितंबर को मानवेंद्र कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं. मानवेंद्र के कांग्रेस ज्वाइन करने से भाजपा के लिए खासी मुश्किल खड़ी हो सकती है क्योंकि राज्य का मजबूत राजपूत वोटर पार्टी से काफी खफा है. जिसका खामियाजा उसको चुनावों में भी भुगतना पड़ सकता है.