कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के अशोक नगर के विधायक जजपाल सिंह जज्जी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। विधायकी को शून्य करने के मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। मामले को लेकर महाधिवक्ता प्रशांत सिंह भी हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है। इसी के साथ जज्जी को मामले में स्थगन मिल गया है।

बता दें कि विधायक जजपाल सिंह जज्जी ने सिंगल बेंच के आदेश को डबल बेंच में चुनौती दी थी। सिंगल बेंच ने जजपाल जज्जी पर एफआईआर (FIR) के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद जुर्माने के साथ विधायकी को शून्य करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा गया था। जजपाल सिहं जज्जी अशोक नगर जिले से सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के विधायक है।

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दरअसल हाई कोर्ट की सिंगल बैंच ने बीती सुनवाई में लड्डूराम कोरी की रिट पिटीशन निर्देश दिया था, कि अशोकनगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी का अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया जाए। साथ ही अशोकनगर के पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि जज्जी के खिलाफ फर्जीवाड़े को लेकर एफआइआर दर्ज कर जाति प्रमाण पत्र और पंजाब के रिकार्ड भी जांच की जाए। कोर्ट ने आदेश की कापी विधानसभा के अध्यक्ष को भेजी थी, जिसमें उनकी विधायकी शून्य करने की बात कही थी। हाई कोर्ट के आदेश से जज्जी की विधायकी पर संकट आ गया था। ऐसे में सिंगल बैंच के आदेश के खिलाफ जजपाल ने रिट अपील डबल बेंच में दायर की,जिस पर डबल बेंच ने सिंगल बेंच के सभी आदेश और निर्देशों पर रोक लगा दी है। जिसके चलते जज्जी को सिंगल बैंच के आदेश पर स्टे मिल गया, साथ ही याचिकाकर्ता पक्ष को नोटिस भी जारी हुए हैं।

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2018 के विधानसभा चुनाव में जजपाल सिंह कांग्रेस के टिकट से अशोकनगर विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। भाजपा से लड्डू राम कोरी चुनाव हार गए थे। चुनाव हारने के बाद लड्डू राम कोरी ने हाईकोर्ट में जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ याचिका दायर की। साथ ही चुनाव याचिका भी दायर की। उसमें तर्क दिया गया था कि जज्जी को मध्यप्रदेश में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। वे मूलत: पंजाब के रहने वाले हैं। जहां से इनका प्रमाण पत्र बनेगा, उसी राज्य में लागू होगा। हाईकोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र को लेकर दायर रिट पिटीशन की पहले सुनवाई की थी, जिस पर जारी आदेश के बाद उनकी विधायकी पर संकट खड़ा हो गया था। जजपाल सिंह जज्जी ने 2018 के निर्वाचन से इस्तीफा देकर 2020 में भाजपा के टिकट से उपचुनाव लड़ा और फिर से विधायक निर्वाचित हुए।

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