शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश के मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र लिखा है. उन्होंने पंचायतों के जनप्रतिनिधियों की लंबित मांगों को पूरा करने की मांग की है. पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों को जब तक अधिकार संपन्न नहीं बनाया जाएगा, तब तक पंचायती राज व्यवस्था की सफलता बेमानी है. पंचायतों के अधिकतर फैसले लेने का हक अधिकारियों के पास है. जनप्रतिनिधियों के अधिकार बढ़ाकर उन्हें सशक्त बनाना चाहिए.
बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज को लिखे पत्र में कहा है कि भारत की आत्मा गॉवों में बसती है, गांवों में समृद्धि आने पर ही समृद्ध भारत का निर्माण संभव होगा. त्रिस्तरीय पंचायती राज की परिकल्पना गांवों की आत्मनिर्भरता के लिए ही है, लेकिन धरातल पर इसकी मजबूती न होने से अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं.
ग्रामसभाओं और पंचायतों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों यथा पंच, उपसरपंच, सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और जनपद पंचायत व जिला पंचायतों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों को जब तक अधिकार संपन्न नहीं बनाया जाएगा, तब तक पंचायती राज व्यवस्था की सफलता बेमानी है. पंचायतों के संबंध में आज भी वास्तविक निर्णय प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथों में है.
हाल ही में मैं छतरपुर में पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन में शामिल हुआ था, जहां मैंने उनकी वास्तविक परेशानियों को समझने का प्रयास किया. मेरा मानना है कि प्रदेश सरकार त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के वास्तविक अधिकारों में बढ़ोत्तरी कर उन्हें सशक्त करें. जिससे यह व्यवस्था जमीन पर सफल हो सके और हमारे गांव सक्षम और आत्मनिर्भर बन सकें.
इसलिए आपके आग्रह है कि पंचायती राज के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की मांगों के संबंध में प्राप्त ज्ञापनों पर विचार कर उनको वास्तविक रूप से अधिकार संपन्न बनाये जाने के लिए समुचित प्रयास करें. जिससे आत्मनिर्भर गांव, आत्मनिर्भर प्रदेश और समृद्ध भारत का निर्माण हो सके.
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