शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में एक बार फिर राम जन्मभूमि को लेकर सियासत शुरु हो गई है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. जिसको लेकर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने पलटवार किया है. शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह हिंदुओं के वेश में औरंगजेब और बाबर हैं.
पूर्व प्रोटेम स्पीकर एवं बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने विवादित बयान देते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह का जन्म ही घोटाले में हुआ है. उन्होंने तब भी खुशी नहीं जाहिर की थी जब अयोध्या में राम जन्मभूमि के ताले खुले और जब कारसेवकों ने बाबरी ढांचा विध्वंस किया था. उन्होंने दिग्विजय सिंह के साथ सभी विपक्षी पार्टियों कांग्रेस, सपा, बसपा और आप को हिंदुओं को वेश में बाबर और औरंगजेब बताया. उन्होंने कहा ये वे लोग हैं जब देश में हिंदु एक होगा तब जाति के नाम पर संघर्ष करेंगे.
दिग्विजय डलहौजी के नजायज औलाद: शर्मा
शर्मा ने दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के साथ सभी विपक्षी दलों को लार्ड डलहौजी, बाबर, अकबर और औरंगजेब की नजायज औलाद बताया औऱ कहा कि कांग्रेस, राजीव गांधी न्यास का हिसाब जनता को क्यों नहीं देती, जिसे दशकों से कांग्रेस चाट रही है. हिंदुओं में फूट डालो और राज करो की नीति पर कांग्रेस काम करती आई है, लेकिन हिंदू एक था, एक है और एक रहेगा.
दिग्गी के इस ट्वीट से मचा बवाल
दरअसल राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर राम मंदिर के लिए जमीन खरीदने में भ्रष्टाचार और घोटाले का आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और पूर्व राज्य मंत्री पवन पांडेय ने आरोप लगाया है. जिसको देखते हुए दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि “देखो ऐ दीवानों तुम ये काम न करो राम का नाम बदनाम न करो…” भूमि ख़रीद में 16 करोड़ का घोटाला है तो हज़ारों करोड़ मंदिर निर्माण में जो चंदा उगाया गया है, उसमें मौजूदा ट्रस्ट जिसमें VHP के पदाधिकारी व मोदी जी द्वारा मनोनीत सदस्य हैं वे कितना और भ्रष्टाचार करेंगे? अंदाज़ा लगाएँ. उन्होंने कहा कि मोदी जी आप से पूर्व में ही मैंने अनुरोध किया था कि नए ट्रस्ट के गठन के बजाय आप पूर्व से गठित रामालय ट्रस्ट को ही निर्माण का काम सौंप दें. रामालय न्यास जिसमें देश के सभी सनातनी हिंदू धर्म के मान्यता प्राप्त शंकराचार्य जी व रामानन्दी सम्प्रदाय के प्रमुख सदस्य हैं. लेकिन आपने उसका राजनीतिकरण कर पूरा न्यास VHP/RSS को सौंप दिया. यह वही संघटन गठबंधन है जिसने पूर्व में मंदिर निर्माण में 1400 करोड़ चंदे का हिसाब अब तक नहीं दिया. निर्मोही अखाड़े के अनेक सदस्यों द्वारा कई बार माँगने पर भी हिसाब नहीं दिया गया.
दिग्विजय सिंह ने की जांच की मांग
राज्यसभा सांसद ने इस मामले को लेकर एक के बाद कई ट्विट किए हैं. उन्होंने अपने ट्विट में कहा कि राम मंदिर निर्माण में भी भ्रष्टाचार का अवसर ढूँढ लिया? VHP ना पूर्व में एकत्रित चंदे का हिसाब देती है ना अब उनसे उम्मीद है. योगी जी आप तो अपने मुख्यमंत्री रहते हुए भगवान राम मंदिर निर्माण में इस प्रकार का भ्रष्टाचार तो ना होने दें. यदि यह सही नहीं है तो स्पष्टीकरण दें. यदि आपके द्वारा गठित न्यास पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है तो आप पर भी लगता है. आपने 2014 में वादा किया था “ना खाउंगा ना खाने दूँगा” लेकिन वह भी एक और जुमला ही निकला. यदि यह आरोप सही है और आप ईमानदार हैं तो तत्काल मौजूदा न्यास को भंग कर पूरे प्रकरण को CBI व ED को सौंपें. और पूर्व से गठित रामालय न्यास को भगवान राम मंदिर निर्माण का काम सौंपे.
ये है पूरा मामला
राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर राम मंदिर के लिए जमीन खरीदने में भ्रष्टाचार और घोटाले का आरोप लगा हैं. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और पूर्व राज्य मंत्री पवन पांडेय ने आरोप लगाया है. उन्होंने पूरे मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की है. सिंह ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी. यह सीधे-सीधे मनी लॉड्रिंग का मामला है. आम आदमी पार्टी सरकार से सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराने की मांग करती है. इस पूरे मामले पर राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने समर्थन दिया है. हालांकि भ्रष्टाचार के आरोप पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. चंपत राय ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोग इस संबंध में प्रचार कर रहे हैं, वह भ्रामक है और समाज को गुमराह करने के लिए है. ये सारे ही आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. चंपत राय ने एक प्रेस रिलीज भी जारी की.