रायपुर। आगामी नगरीय निकाय चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली और ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से कराए जाने के भूपेश सरकार के फैसले के मामले में भूतपूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने प्रदेश सरकार पर प्रदेश में खरीद फरोख्त की राजनीति शुरु करने का गंभीर आरोप लगाया है. चंद्राकर ने कहा कि ईवीएम में जब चुनाव हुए हैं, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी. 9 सीट हम लोकसभा के जीते तो इंटरव्यू में भूपेश बघेल ने कहा हारने का ईवीएम भी एक कारण हो सकता है जब वह दो उपचुनाव जीते तब ईवीएम सही था. अब स्थानीय निकाय के चुनाव में कागज के इस्तेमाल करके चुनाव करवाना चाहते हैं. वो ऐसा करके क्या संदेश देना चाहते हैं.

चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य मध्य प्रदेश भी ईवीएम से चुनाव करवा रहा है. भाजपा चाहती है कि ईवीएम से चुनाव करवाएं. इसलिए राज्यपाल को ज्ञापन दिया है. दूसरी महत्वपूर्ण बात है कांग्रेस शासित राजस्थान से जो सूचनाएं आ रही हैं कि बिना चुनाव लड़े भी महापौर बन सकते हैं. राजनीति में वह पारदर्शिता चाहते हैं तो उनको दल बदल कानून भी लाना चाहिए. अगर खरीद-फरोख्त रुके इसको भी सुनिश्चित करें. छत्तीसगढ़ में जो राजनीतिक मापदंड है उससे खरीद फरोख्त की राजनीति शुरू करने ऐसा किया जा रहा है. इसके विरोध में भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है. निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होने के बाद एल्डरमैन की नियुक्ति करना इसके जरिए भी चुनाव को प्रभावित करने की साजिश है. स्थानिक संस्थाओं को सरकार मनमाने तरीके से नियंत्रित करना चाहती है भारतीय जनता पार्टी नियंत्रित नहीं होने देगी. इस मामले में लोकतांत्रिक तरीके से जहां तक लड़ सकते हैं लड़ेंगे.

आपको बता दें शनिवार को भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात कर उन्हें अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए जाने के विरोध में ज्ञापन सौंपा था. प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, राजेश मूणत,सांसद सुनील सोनी,भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव, सच्चिदानंद उपासने, नरेश गुप्ता और दीपक मस्के शामिल थे.