कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। बीजेपी प्रदेश संगठन का चुनाव मुख्य दौर में आ गया है। आने वाले एक से दो दिन में कभी भी मध्य प्रदेश के बीजेपी जिलाध्यक्षों की घोषणा हो सकती है। लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में एक अनार सौ बीमार जैसे हालात बन गए है। पढ़िए हमारी यह खास रिपोर्ट…
ग्वालियर चंबल अंचल मध्य प्रदेश की राजनीति का मुख्य केंद्र माना जाता है। यहां से बड़े बड़े दिग्गज प्रदेश और देश की राजनीति में अपना लोहा मनवा चुके है। ऐसे में अंचल के जिलों में खासकर ग्वालियर में जिलाध्यक्ष का चयन भाजपा के लिए टेडी खीर बन गया है। अंचल के दो दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के समर्थक चेहरे रेस में आगे पीछे बने हुए है।
आइये आपको कुछ संभावित नाम से रूबरू कराते है। जो बीजेपी जिला अध्यक्ष की रेस के मैदान में है…
ब्राह्मण समाज
- शैलेंद्र बरुआ- सिंधिया खेमा
- जयप्रकाश राजोरिया-संगठन की पसंद
- अशोक शर्मा- सिंधिया खेमा
क्षत्रिय समाज
- रामेश्वर भदोरिया-नरेंद्र सिंह तोमर खेमा
- अशोक जादौन-नरेंद्र सिंह तोमर
वैश्य समाज
- पारस जैन- नरेंद्र सिंह तोमर खेमा
- विनय जैन- नरेंद्र सिंह तोमर खेमा
- अनिल सांखला-सिंधिया खेमा
पिछड़ा वर्ग
- धर्मेंद्र राणा- नरेंद्र सिंह तोमर खेमा
- अल्वेल घुरैया-सिंधिया खेमा
वरिष्ठ नेता
- रविंद्र राजपूत- संगठन की पसंद
- कनवर मंगलानी- सिंधिया खेमा और जयभान पवैया का भी समर्थन
BJP में गुटबाजी चरम पर और वह कांग्रेस की काका हो गई है- MLA सतीश
जिला अध्यक्ष के चयन पर कांग्रेस विधायक डॉ सतीश सिकरवार तंज कस रहे है। उनका कहना है कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश के सभी जिला अध्यक्षों के नाम पहले ही तय कर रखे हैं, सिर्फ खोखली चुनावी कार्रवाई का दिखावा किया जा रहा है, बीजेपी आरोप लगाती रही है कि कांग्रेस में गुटबाजी होती है लेकिन हकीकत यह है कि बीजेपी में गुटबाजी चरम पर है और वह कांग्रेस की काका हो गई है।
संगठन के प्रदेश चुनाव अधिकारी ने कही ये बात
वहीं जिलाअध्यक्षों के नाम का ऐलान कब किया जाएगा और कांग्रेस के आरोपों पर ग्वालियर के पूर्व सांसद और संगठन के प्रदेश चुनाव अधिकारी विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि बूथ और मंडल चुनाव के बाद जिला अध्यक्ष चुनाव भी जल्द पूरा होगा, कांग्रेस का काम सिर्फ आरोप लगाना है बीजेपी पार्टी में सिंधिया खेमा और नरेंद्र सिंह तोमर खेमा जैसा कोई भी माहौल नहीं है। यहां सभी भाजपा के कार्यकर्ता है। ऐसे में जिला अध्यक्ष निर्वाचन की प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर नाम का ऐलान किया जाएगा।
इन्हें मिल सकती है प्राथमिकता
बहरहाल एक अनार सौ बीमार जैसे हालत के बीच रेस में शामिल सभी चेहरे अपने अपने प्रयासों में जुटे हुए है। हालांकि ग्वालियर में सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा, जयभान सिंह पवैया और माया सिंह सहित बड़े नेताओं के आपसी सहमति वाले नाम को प्राथमिकता मिल सकती है। ऐसे में देखना होगा कि अंचल के दो दिग्गज नेताओं के समर्थन और कास्ट फैक्टर को मैनेज कर कौन जिलाध्यक्ष की कमान संभालता है।
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