पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही पार्टी ने कटिहार के मेयर उषा अग्रवाल और विधान पार्षद अशोक अग्रवाल को भी निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई पार्टी के उच्च स्तरीय नेतृत्व की ओर से की गई है और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।

जवाब देने का मौका दिया जाएगा

सूत्रों के मुताबिक यह नोटिस पार्टी द्वारा आंतरिक अनुशासन और निर्देशों का पालन न करने के आरोप में जारी किया गया है। हालांकि नोटिस में स्पष्ट रूप से उन कारणों का उल्लेख नहीं किया गया है जिनके आधार पर यह कार्रवाई की गई है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि राजकुमार सिंह, उषा अग्रवाल और अशोक अग्रवाल को अपने बचाव में जवाब देने का मौका दिया जाएगा। नोटिस का जवाब आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

कारण बताओ नोटिस

भाजपा के आंतरिक सूत्रों के अनुसार यह कदम पार्टी अनुशासन सख्त करने और किसी भी तरह की आंतरिक असहमति को नियंत्रित करने के मकसद से उठाया गया है। पार्टी नेताओं के निलंबन और कारण बताओ नोटिस ने स्थानीय राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है।

समय से पार्टी में सक्रिय रहे

राजकुमार सिंह लंबे समय से पार्टी में सक्रिय रहे हैं और केंद्रीय मंत्रिपद तक का अनुभव रखते हैं। वहीं कटिहार के मेयर उषा अग्रवाल और विधान पार्षद अशोक अग्रवाल क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। इन तीनों नेताओं का निलंबन पार्टी के संगठनात्मक ढांचे और अनुशासन की सख्ती का उदाहरण माना जा रहा है।

असंतोष न पैदा हो

भाजपा का यह कदम आगामी चुनाव और पार्टी संगठन को मजबूत बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा है। पार्टी नेतृत्व इस बात पर भी नजर रख रहा है कि निलंबन के बावजूद स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष न पैदा हो। इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े कर दिए हैं कि आगे पार्टी इन नेताओं के साथ क्या रणनीति अपनाएगी और क्या यह निलंबन अस्थायी होगा या स्थायी। फिलहाल, भाजपा ने स्पष्ट किया है कि नोटिस का जवाब मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी।