शिखिल ब्यौहार, भोपाल। देश में हाल ही में लागू हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम मतलब सीएए कानून को भुनाने की तैयारी बीजेपी ने शुरू कर दी है। दरअसल, अब बीजेपी पूरे प्रदेश में ऐसे पीड़ितों को भारत की नागरिकता दिलाने की मदद करेगी, जो तीन देशों से भारत आए। यह काम भी अभियान बतौर किया जाएगा। बता दें सीएए कानून के तहत दिसंबर 2014 से पहले तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों में शामिल हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को नागरिकता दी जाएगी।

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बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू ने बताया कि सीएए उन लोगों के लिए वरदान है जो धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर भारत की शरण में आए। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ पुण्य का काम है बल्कि मानवता के नाते भी पीड़ितों को मदद करना बीजेपी का कर्तव्य है। इससे पहले भी देशहित के तमाम निर्णयों को लेकर बीजेपी ने राजनीति से ऊपर उठ अपना फर्ज निभाया है। कानून के दायरे में आने वालों को लाभ जल्द से जल्द मिल सके, इसके लिए अभियान के तौर पर जुटने के लिए बीजेपी का हर कार्यकर्ता तैयार है।

चुनावी साल में बीजेपी को सीएए की आई याद, सिर्फ सियासी फायदा- कांग्रेस

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने सीएए कानून के साथ बीजेपी के अभियान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी बताएं कि आखिर गायक अदनान सामी जो कि मुस्लिम हैं, आखिर उन्होंने किस आधार पर भारत की नागरिकता दी गई। ऐसे सैकड़ों उदाहरण देश में मौजूद हैं। सीएए कानून है कोई सियासी एजेंडा नहीं। संसद से पारित इस कानून के नियम और प्रक्रिया है। बीजेपी मदद के नाम पर अभियान चलाने के नाम पर सिर्फ सियासी फायदा उठाना चाहती है। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि आखिर चुनाव के नजदीकी समय में ही इस कानून की याद पीएम मोदी को क्यों आई, इस बात का जवाब भी बीजेपी को देना चाहिए।

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