रायपुर. भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने बैठक का आयोजित की. जिसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा नेताओं ने बताया कि बैठक में आदिवासी समाज का आरक्षण 32% से घटाकर 20% किए जाने समेत बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग के जिलों से स्थानीय भर्ती प्राथमिकता को खत्म किए जाने पर प्रदेश सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया. नेताओं ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद प्रदेश के शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में जो अनिर्णय की स्थिति इस सरकार ने बना रखा है, इसे लेकर भाजपा ने सरकार को चेताया कि एक तरफ बिना अधिसूचना के मेडिकल शिक्षा के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में अजजा वर्ग के लिए 20% का असंवैधानिक आरक्षण रोस्टर लागू कर हमारे आदिवासी भाइयों का अधिकार छीना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है.

भाजपा नेताओं ने कहा कि 32% आरक्षण के खिलाफ मुख्य प्रतिवादी रहे केपी खांडे को अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाकर आदिवासियों के जले पर नमक छिड़का गया है. भाजपा ने कहा कि सोई हुई सरकार 32% आरक्षण पर ना कोई विधेयक ला रही है, ना कोई अध्यादेश, ना आदिवासियों के 32% आरक्षण के लिए कोई रोस्टर. केवल “समिति और प्रकोष्ठ” के झुनझुने से आदिवासियों को ठगने और बरगलाने की कोशिश में लगे है. इस विषम परिस्थिति में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने पूरे प्रदेश में कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंकने का निर्णय लिया है.

जिला मुख्यालयों में चक्काजाम

बता दें कि आगामी 9 नवंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में भाजपा ने चक्काजाम करने का निर्णय लिया है. इसके बाद आगामी 16 से 20 नवंबर तक संभाग स्तरीय गौरव दिवस प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा. बस्तर में 21 नवंबर को और सरगुजा संभाग में 28 नवंबर को संभागीय मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया जाएगा. आगे भाजपा नेताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि शहीद वीरनारायण सिंह के बलिदान दिवस 10 दिसंबर को जनजातीय अधिकार दिवस के रूप मे मनाया जाएगा. जिसके तहत जनजातीय समाज अपने अधिकारों के लिए बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग के सभी अनुसूचित जनजाति विधानसभा मुख्यालयों में प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा.

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