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लोरमी. विधायक तोखन साहू को लोरमी से टिकट नहीं देने की भाजपा कार्यकर्ता ही लामबंद हो चुके हैं. विधायक की सोशल मीडिया पर जमकर किरकिरी हो रही है. भाजपा विधायक तोखन साहू के खिलाफ उनके ही पार्टी के लोगों की लॉबी तैयार हो चुकी है. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही सोशल मीडिया पर विधायक की जमकर आलोचना कर रहे हैं. बीते दिनों विधायक तोखन साहू ने बेजा-कब्जा हटाने गए नायब तहसीलदार को जान से मारने की धमकी दिया था.
बता दें कि मुंगेली जिला के लोरमी में नायब तहसीलदार संजय राठौर का आरोप है कि वे कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए बेजा कब्जा हटाने गए थे. इसी दौरान भाजपा विधायक के समर्थकों ने उन्हें धमकाया और उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की. इसके बाद विधायक तोखन साहू ने फोन पर अफसर को धमकाया और देख लेने की धमकी दी . इस घटना से अफसर घबराए हुए हैं और काम नहीं कर पाने की बात कह रहे हैं.
संजय का आरोप है कि वो लोरमी इलाके के देवरहट गांव में शिकायत मिलने पर बेजाकब्जा हटाने के लिए गए हुए थे. तभी बेजाकब्जा धारियों ने कहा हम विधायक के लोग हैं. हम पर कार्रवाई मत करो. बेजाकब्जा धारियों ने इस बात की पुष्टि करने के लिए विधायक को फोन भी लगाया पर विधायक जी से तहसीलदार की बात नहीं हो सकी. फिर क्या तहसीलदार ने वहीं किया जो उसे करना चाहिए उसने राजस्व अमला के साथ अतिक्रमण हटाने का आदेश देकर बगल के गांव में निकल ही रही थे. इसी बीच बेजाकब्जा धारियों ने तहसीलदार की गाड़ी में आगे और पीछे से पत्थर व लाठी से हमला करने लगे. इस बात से तहसीलदार और उनके साथ के लोग घबरा गए और किसी तरह वहां से लोरमी थाना के लिए निकले तभी विधायक तोखन साहू का फोन आया और वे भी उसेे धमकाना शुरू कर दिया.
यह सुनकर तहसीलदार के होश उड़ गए और तहसीलदार ने अपना रास्त बदल लिया. तहसीलदार फौरन जिला मुख्यालय मुंगेली के लिए रवाना हो गया. जहां उसने इस पूरे मामले की जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को दी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पास भी शिकायत दर्ज कराई है. जब इस मामले में लल्लूराम ने एएसपी से बात की तो उन्होंने चौकाने वाला बयान दिया है.उन्होंने कहा तहसीलदार द्वारा सुरक्षा देने के लिए आवेदन तो दिया है पर विधायक द्वारा गाली गलौच या जान से मारने की धमकी देने की बात तो नहीं कही है.
विधायक के बदले सुर..
मामले में हम यहीं नहीं रुके हमने इस बात की पूरी पड़ताल के लिए विधायक तोखन साहू से संपर्क किया. तोखन साहू ने मामले से पूरी तरह किनारा कर लिया और कहा कि मेरे उपर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं और जांच की मांग करने लगे. विधायक ने तहसीलदार पर ही आरोप लगाते हुए कहने लगे कि वे खुद ग्रामीणों को परेशान कर वसूली करते है जिसकी शिकायत कई बार मुझे मिल चुकी है. नायब तहसीलदार ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत एसपी और कलेक्टर से भी की है.
गौरतलब है कि प्रदेश में विधायकों के इस तरह की गुंडागर्दी का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी तखतपुर विधायक राजू सिंह क्षत्रीय ने तत्कालीन टीआई वाय एन शर्मा को फोन पर जान से मारने की धमकी दी थी. जिसके कारण ये सत्ता पक्ष की काफी किरकिरी हुई थी. ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि यदी विधायक ने तहसीलदार को धमकी दी है तो क्यों एडिशनल एसपी के बयान मेेें फर्क है? दूसरी बात तहसीलदार ने कलेक्टर को लिखित में भी शिकायत की है. जिसमें उसने इस बात का उल्लेख किया है कि विधायक ने उसे धमकी दी है?
देखिए इन धमकियों के बाद कितना खौफजदा है अधिकारी–
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