रायपुर- नागरिकता संशोधन विधेयक यानी सीएए को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में तेज होते विरोध के बीच बीजेपी युवा मोर्चा ने आज राजधानी रायपुर में मानव श्रृंखला बनाकर जनजागरण अभियान चलाया. युवा मोर्चा ने सीएए को देशहित में बताते हुए कांग्रेस और वाम दलों पर जनाक्रोश भड़काने का आरोप लगाया है.

मानव श्रृंखला के इस अभियान में शामिल हुए पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि एक खास विचारधारा से जुड़े वे लोग जो देश को तोड़ना चाहते हैं, वहीं इसका विरोध कर रहे हैं. देश जानता है कि यह कानून नागरिकता देने वाला है, छिनने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि देश के लोग अब इस बात को बखूबी समझ रहे हैं कि जो लोग आज इसका विरोध कर रहे हैं, वह आने वाले दिनों में इसके समर्थन में खड़े होंगे.

बीजेपी प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि सीएए के समर्थन में युवा मोर्चा ने मानव श्रृंखला बनाई है. हम सीएए का समर्थन करने यहां आए हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने यह कानून बनाया है. पड़ोसी देशों में रहने वाले अल्पसंख्यक जो अरसे से अत्याचार झेल रहे हैं, उन्हें नागरिकता लेने में 11 साल लग जाते थे. अब उन्हें 5 साल में नागरिकता मिलेगी. कांग्रेस यह भ्रम फैला रही है कि यह नागरिकता छिनने वाला विधेयक है. जबकि वास्तविकता यह है कि किसी की नागरिकता नहीं छिनी जाएगी. बीजेपी नेता छगन मूंदड़ा ने कहा कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी देश में अराजकता का माहौल बनाना चाहते हैं. मुस्लिम समाज को भड़काने का काम कर रहे हैं. सच्चाई यह है कि सीएए किसी के खिलाफ नहीं है. यह नागरिकता देने का कानून है, नागरिकता छिनने का कानून नहीं है. यह देशभक्ति को बढ़ाने वाला कानून है. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित होने वाले नागरिकों को सुरक्षा देने का कानून है. यह किसी के खिलाफ नहीं है. यह देश का दुर्भाग्य है कि जनता को भ्रमित किया जा रहा है.

वहीं पर्यटन मंडल के पूर्व उपाध्यक्ष केदार गुप्ता ने कहा कि सीएए को लेकर देश में खड़ा किया विरोध महज राजनीतिक विरोध है. वामपंथी और कांग्रेस ही इस विरोध को भड़का रही है. उन्होंने कहा कि धार्मिक आधार पर दो देशों का बंटवारा हुआ था. वहां रहने वाले अल्पसंख्यक जिन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, अगर वह भारत आ रहे हैं, तो उन्हें नागरिकता दी जाए. यह नियम पहले भी था, अब इसकी अवधि बस घटाई गई है. केदार गुप्ता ने कहा कि जनजागरूकता का यह अभियान है, जिससे लोगों को पता चल सके कि छह धर्म को धार्मिक आधार पर उन देशों में प्रताड़ित किया जा रहा है.