रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने नया तीन कृषि कानून बनाकर पूंजीपतियों को किसानों मजदूरों और आम उपभोक्ताओं का शोषण करने दमन करने लूटने का लाइसेंस दे दिया है। मोदी सरकार के किसान विरोधी काला कानून का सदन से लेकर सड़क तक समर्थन करने वाले भाजपा बताए मोदी सरकार को देशभर के किसानों के लिए एक राष्ट्र एक बाजार एक दर न्यूनतम समर्थन मूल्य, यह घोषणा करने से कौन रोक रहा है ?

कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा किसानों के धान को 2500 रु कीमत पर खरीदने पर अड़चन पैदा करने वाले मोदी की भाजपा सरकार की नियत में खोट है। 3 नए कृषि कानून किसान और आम उपभोक्ता को बर्बाद और तबाह करने की साजिश है। नया कृषि कानून पूंजीपतियों को खुलेआम जमाखोरी कालाबाजारी करने और दामो में मनमानी बढ़ोतरी कर लूट मचाने की खुली छूट देता है, गरीब मजदूर किसान और आम आदमी के लुटेरों को संरक्षण देता है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसान चंद पूंजीपतियों के गुलामी बन कर रह जाएंगे। मोदी सरकार का नया कृषि कानून का मसौदा ईस्ट इंडिया कंपनी की शोषणकारी दमनकारी नीति का नया संस्करण मात्र है। भाजपा किसानों को कृषि क्षेत्र से दूर करने का षयन्त्र रच रही है ? मोदी सरकार सरकारी कंपनियों के निजीकरण की तरह ही अब कृषि क्षेत्र का भी निजीकरण करना चाहती है ?

नए कृषि बिल में किसानों की उपज को समर्थन मूल्य में खरीदी की अनिवार्यता का उल्लेख तक नहीं किया गया। आवश्यक वस्तु अधिनियम में की गई संशोधन से जमाखोरी कालाबाजारी और महंगाई बढ़ेगी। बिचौलिया द्वारा निर्मित किल्लत से आम उपभोक्ता के थाली से दाल आलू प्याज गायब हो जाएगी। इसे रोकने का कोई उपाय नही रह जायेगा। आवश्यक वस्तु नियम में संशोधन कर स्टॉक लिमिट को सिर्फ युद्ध का समय या आपदा के समय ही नियंत्रण करने का उल्लेख किया गया है।

उन्होंने पूछा है कि कांट्रैक्ट फार्मिंग से अगर किसान तो ज्यादा दाम मिलेंगे तो फिर प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में बड़ी कम्पनियों के साथ कांट्रैक्ट फार्मिंग कर फसल पैदा करने वाले किसान क्यों परेशान हताश और निराश है ? मंडी व्यवस्था खत्म कर व्यापारियों के माध्यम से किसानों की फसल खरीदने की व्यवस्था निर्मित करने के कारण बिहार में 2006 से किसानों की स्थिति खराब है बिहार में मक्का का समर्थन मूल्य की आधी कीमत पर मक्का की खरीदी व्यापारी करते है जिसका सीधा नुकसान किसानों को होता है ?

मोदी भाजपा की सरकार बीते 7 साल में जितनी भी योजनाएं लेकर आई है उस योजनाओं का लाभ सिर्फ पूंजीपतियों को मिला है आम उपभोक्ता किसान मजदूर को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिला है बल्कि इनसे आम लोगो का जनजीवन प्रभावित हुआ है परेशानियां ही बढी है। नोटबंदी जीएसटी के बाद एक राष्ट्र एक बाजार का नारा भी बड़े पूंजीपतियों को अपने गल्ले भरने का खुला संदेश है। आम आदमी की लूट की खुली छूट है।