रायपुर. आपने आज राजधानी की सड़कों पर सफ़र करते एक बात की नोटिस नहीं की होगी. आज आपको सड़क पर भीड़ कम जरुर दिखा होगा. अब आप सोचेंगे, सड़कों पर ये भीड़ वाकई कम कैसे हुई ? आखिर ये लो अब हम ही असली कारण बता देते हैं. दरअसल नया रायपुर में भव्य कृषि मेला का आयोजन चल रहा है. जहाँ राजधानी के सैंकड़ों लोग पहुंचकर जमकर आनंद उठा रहे हैं. मेले में सबकी पसंद की सब कुछ है.

हाँ ! इतना जरुर है कि कृषि मेला है तो खेती-किसानी से जुड़ी चीजें सर्वाधिक है. यहाँ सबसे बड़े सेलिब्रिटी 9 करोड़ रुपये कीमत के भैंस है. जिसके साथ लोग जमकर सेल्फी ले रहे हैं. अब बात करते हैं ब्लैक बंगाल, सिरोही, तोतापरी, जमुनापरी जैसे धुरंधर बकरों की. ये लड़ाकू बकरे रस्सी से बंधे होने के बावजूद ऐसी लड़ाई लड़ रहे हैं कि लोग देखने के लिए जमा हो जा रहे हैं. बकरों को रस्सी से खोल दिया जाये तो ना जाने क्या तौबा मचाएंगे.

प्रदर्शन के लिए रखे ये बकरे पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम की लोकप्रिय प्रजाति ब्लैक बंगाल मांस हेतु सबसे उपयुक्त बताया गया है जो कि प्राय: काला, भूरा और सफेद रंग का होता है. राजस्थान की प्रजाति तोतापरी पालतू नस्लों में सबसे प्राचीन माना जाता है जिसकी मादा मांस के साथ साथ दूध उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी जाती है. मेले में अपने बकरों का प्रर्दशन करने आए भाटा गांव के किसान ओंकार सोनकर ने बताया कि एक बकरा 2-3 साल में बिक्री के लिए तैयार हो जाती है और इनका मूल्य लगभग 50000 प्रति पशु आंका जाता है.

साथ ही आपको बता दें कि रायपुर में आयोजित कृषि मेले में कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी किसानों के बीच सुर्खियां बटोर रही है. राज्य सरकार कृषि कार्यों में आधुनिक कृषि उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देने की नीति पर कार्य कर रही है. जिसके चलते मेले में इन उपकरणों को लेकर किसानों में काफी उत्साह देखी जा रही है. मेले में आई एक निजी कंपनी ‘शक्तिमान एग्रो प्राइवेट लिमिटेड’ के कर्मचारी अहफज हुसैन ने बताया कि ‘रोटरी मल्चर’ उपकरण किसानों के लिए बेहद मददगार साबित हो रही है. इस उपकरण से एक एकड़ के अपशिष्ट को मात्र 35 मिनट में खेतों से निकाला जाता है, जो बाद में जैविक खाद बनाने के काम आता है. इस उपकरण को 50 HP के ट्रैक्टर से चलाया जाता है. इसका मूल्य लगभग 174000 रुपए है जिसमें 63,000 रूपए सरकारी अनुदान के तौर पर मिलता है. आपको बता दें कि खेती के अपशिष्टों को जलाने से हो रहे पर्यावरण क्षति को ध्यान में रखकर राज्य सरकार के द्वारा इस मशीन को सभी कृषि विक्रय केंद्रों पर उपलब्ध करवाने का निर्देश गया है.

देखिए वीडियो

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