जालंधर। अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल की रैली का जमकर विरोध किया गया. सुखबीर की रैली को काले झंडे दिखाए गए. यहां बड़ी संख्या में किसान पहले से ही काली झंडियां लेकर इकट्ठा हो गए थे. बता दें कि कुछ दिनों पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों के साथ बैठक की थी, जिसमें अकाली दल को रैलियां नहीं करने को कहा गया था. उस समय सुखबीर ने अपनी ‘गल पंजाब दी’ के तहत 100 दिन की रैलियों को रोक दिया था. इधर आज आक्रोशित किसानों ने कहा कि राजनीतिक दलों को कम से कम लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के आंखों के आंसू तो सूखने देने चाहिए थे.
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बादल की कार पर फेंका गया जूता
सुखबीर बादल की रैली के विरोध में बड़ी संख्या में किसान पठानकोट चौक पर जमा हो गए थे. जैसे ही उनकी कार वहां से गुजरी, किसानों ने उस पर जूता फेंक दिया. सड़क किनारे खड़े किसानों की ओर से फेंका गया जूता उनकी कार की टायर पर गिरा. इसके बाद पुलिस ने सुरक्षा कड़ी करके सुखबीर का काफिला वहां से निकाला.
बसपा के साथ अकाली दल ने किया है गठजोड़
बता दें कि जालंधर में बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने डीएवी यूनिवर्सिटी के नजदीक रैली रखी. विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बसपा के साथ अकाली दल ने गठजोड़ किया है, इसलिए सुखबीर बादल को भी रैली को संबोधित करना था. इसे देखते हुए किसान विरोध करने पहुंच गए. किसानों ने कहा कि नेता उत्तर प्रदेश जाकर राजनीति कर रहे हैं. अगर अकाली दल को किसानों की इतनी चिंता होती, तो राजनीतिक रैलियां नहीं करते.
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भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रवक्ता कश्मीर सिंह जंडियाला ने कहा कि जब संयुक्त किसान मोर्चा ने पार्टियों को रैली करने से रोका है, इसके बावजूद सुखबीर बादल चुनावी रैली करने आ रहे हैं.
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