इंफाल. मणिपुर में विधानसभा चुनाव से पहले हिंसा का दौर जारी है. पुलिस ने बताया कि बुधवार को राज्य के दो जिलों में कांग्रेस के दो नेताओं के आवासों के सामने एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) सहित दो शक्तिशाली बम फट गए.
पुलिस के अनुसार, धमाकों की वजह से संपत्ति का नुकसान हुआ है. हालांकि, गनीमत रही कि इंफाल पश्चिम जिले और इंफाल पूर्वी जिले में हुए विस्फोटों में कोई घायल नहीं हुआ. पुलिस के अनुसार, इंफाल पूर्वी जिले के कंगला संगमशांग में कांग्रेस नेता रतनकुमार के आवास के सामने आईईडी विस्फोट हुआ. इससे उनके घर में खड़े वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए.
दूसरा विस्फोट इंफाल पश्चिम जिले के समरू में पूर्व विधायक सलाम जॉय के आवास के पास हुआ, जिससे कांग्रेस नेता के आवास का गेट और सामने का हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया. रतनकुमार और जॉय दोनों क्रमश: खुराई और वांगोई विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस के टिकट के दावेदार हैं. सुरक्षा बल दोनों जगहों पर पहुंचे और हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया है. बम धमाकों के विरोध में दोनों इलाकों के लोगों ने कांग्रेस नेताओं के आवासों के सामने प्रदर्शन किया.
चुनाव आयोग द्वारा शनिवार को 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा के लिए 27 फरवरी और तीन मार्च को दो चरणों में होने वाले चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के बाद बुधवार को हुए विस्फोट दूसरी चुनाव पूर्व हिंसक घटना है. मतों की गिनती 10 मार्च को होगी.
इससे पहले नौ जनवरी को इंफाल पश्चिम जिले के वांगोई में अज्ञात हमलावरों ने एक पुलिस कमांडो (शहीद) समेत दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बुधवार की हिंसा मणिपुर में दो महीने से भी कम समय में छठी हिंसक घटना है. हालांकि इन हमलों के सिलसिले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही किसी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी ली है.
5 जनवरी को थौबल जिले के लिलोंग उसोइपोकपी संगोमसांग में एक शक्तिशाली आईईडी विस्फोट के बाद असम राइफल्स का एक जवान शहीद हो गया और एक अन्य घायल हो गया. इससे पहले नवंबर और दिसंबर में, इंफाल और इसके बाहरी इलाके में अलग-अलग जगहों पर तीन शक्तिशाली आईईडी विस्फोट किए गए थे, हालांकि कोई घायल नहीं हुआ था, चूंकि विस्फोट तड़के हुए थे. 13 नवंबर को, म्यांमार की सीमा से लगे चुराचांदपुर जिले में हुए एक आतंकी हमले में असम राइफल्स के एक कर्नल, उनकी पत्नी और बेटे के अलावा अर्धसैनिक बल के चार जवान शहीद हो गए थे.