सुशील खरे, रतलाम। जिले में बढ़ती अवैध शराब की बिक्री और आबकारी विभाग की लापरवाही के चलते 15 दिन में 2 बड़े खूनी संघर्ष के मामले सामने आ चुके हैं। ग्राम हसन पालिया में मंगलवार रात अवैध शराब बेचने की बात को लेकर दो पक्षों में लड़ाई हो गई। देखते ही देखते लड़ाई खूनी संघर्ष का रुप ले लिया। इस दौरान दोनों पक्ष के लोग एक दूसरे पर लाठी और पत्थरों की बरसात कर दी। घटना में 6 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। तीन गंभीर घायलों को रतलाम जिला अस्पताल रेफर किया है।

थाना प्रभारी जनकसिंह रावत ने कहा कि विक्रम सिंह की किसी शराब ठेके में पार्टनरशिप की जानकारी मिली है। अवैध शराब बेचने की आशंका थी। इसी बात को लेकर पहले इन दोनों में विवाद हुआ और बाद में दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। क्रॉस केस दर्ज करके घटनाक्रम की जांच की जाएगी।

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वहीं अस्पताल में भर्ती शांतिलाल और अन्य लोगों ने कहा कि समरथ तो ठेके से शराब खरीदकर पीने गया था। जानकारी मिलने पर समाज के बाकी लोग भी मैदान में उतर आए है। विक्रमसिंह पक्ष का कहना था कि ठेके से स्टाफ घर जा रहा था तब इन्होंने हमला कर दिया।

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यह है खूनी संघर्ष का पूरा माजरा
समरथ चंद्रवंशी निवासी घायलों और विक्रमसिंह राजपूत निवासी पाताखेड़ी के बीच पहले हल्का विवाद हुआ था। विक्रम सिंह की किसी शराब ठेके में पार्टनरशिप बता रहे हैं। उसे आशंका थी कि समरथ अवैध शराब बेचता है। उसने समरथ को रोककर अवैध शराब बेचने से मना किया। समरथ ने कहा मैं अवैध शराब नहीं बेचता हूं। दोनों में विवाद हो गया। समरथ की तरफ से भंवर चंद्रवंशी निवासी अरनिया गुर्जर, शांति लाल पिता मांगीलाल, अनिल पिता हीरालाल, दिलीप पिता कमल तीनों निवासी हसनपालिया और दूसरी तरफ से विक्रमसिंह, देवेंद्र पिता महिपाल सिंह दोनों निवासी पाताखेड़ी व उनके साथी आमने-सामने हो गए। इनके बीच लाठी और पत्थरों से मारपीट हुई। समरथ को छोड़कर बाकी सभी घायल हो गए।

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