मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने कोरोना संकट मामले में मोदी सरकार की आलोचना करने के बाद फिर सुर्खियों में है. इस बार उनके मिजाज थोड़े बदले हुए नजर आए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘गलती उन्हीं से होती है जो काम करते हैं, निकम्मों की जिंदगी तो दूसरों की बुराई खोजने में ही खत्म हो जाती है.’ अनुपम के इस ट्वीट के पीछे क्या कहना चाहते है यह तो समझ पाना मुश्किल है, लेकिन लोग इसको उनके पुराने बयान से जोड़कर देख रहे हैं.

बता दें कि बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने कोरोना संकट को लेकर सरकार की आलोचना की थी. खेर ने कहा था कि सरकार कोविड के संकट में फिसल गई है. इसके लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराना आवश्यक है. अनुपम खेर ने कहा कि सरकार कहीं न कहीं नाकाम हुई है. उन्हें इस वक्त यह समझना चाहिए कि इमेज बनाने से ज्यादा लोगों की जान जरूरी है. एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान खेर ने यह बात कही थी.

ज्यादातर मामलों में आलोचना सही, लेकिन सियासत नहीं

खेर से जब सरकार के छवि बनाने के प्रयास और अस्पतालों में जरूरी दवाओं की कमी और नदियों में बहते शवों को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ज्यादातर मामलों में आलोचना सही है. सरकार के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह इस अवसर पर ऐसा काम करे, जिसके लिए उसे देश के लोगों ने चुना है. मुझे लगता है कि केवल एक संवेदनहीन व्यक्ति ही ऐसी स्थिति से प्रभावित नहीं होगा. नदियों में बहते हुए शव, लेकिन दूसरे राजनीतिक दल द्वारा अपने फायदे के लिए इसका इस्तेमाल करना भी सही नहीं है.”

खेर ने कहा था कि “हमें नागरिक के रूप में गुस्सा करना चाहिए और जो कुछ हुआ है उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना महत्वपूर्ण है.”

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