बॉम्बे हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी मामले में बॉलीवुड के कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने माना कि उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट यूपी की अदालत ने जारी किया है, जो अब तक मुंबई पुलिस को नहीं मिला है. ऐसे में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती.
दरअसल कई बार समन भेजने के बावजूद अदालत में पेश नहीं होने पर गाजियाबाद के मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 23 अक्तूबर को डिसूजा के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था. डिसूजा गिरफ्तारी से बचने के लिए इस हफ्ते के शुरू में अंतरिम राहत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे, ताकि वह यूपी के कोर्ट पहुंचकर गैरजमानती वारंट को रद्द करवा सकें.
अतिरिक्त लोक अभियोजक जयेश याग्निक ने अदालत से कहा कि मुंबई के उपनगरीय अंबोली थाने को अब तक गाजियाबाद पुलिस से वारंट नहीं मिला है. उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद के सिहानी गेट थाने में कारोबारी सत्येंद्र त्यागी ने 2016 में डिसूजा के खिलाफ केस दर्ज कराया था. त्यागी का कहना है कि डिसूजा ने फिल्म बनाने के नाम पर उनसे 5 करोड़ रुपये की ठगी की.
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पीड़ित सतेंद्र त्यागी पीड़ित का कहना है कि रेमो ने 2013 में अपनी फिल्म अमर मस्ट डाई में उनसे पैसे लगवाए थे, जिसमें जरीन खान और राजीव खंडेलवाल मुख्य भूमिका में थे. रेमो ने उन्हें एक साल में पांच के 10 करोड़ लौटाने का वादा किया था. उन्होंने जब पैसे वापस मांगे तो 13 दिसंबर, 2016 की रात करीब 9 बजकर 40 मिनट पर रेमो ने उन्हें अंडरवर्ल्ड से धमकी दिलाई कि अगर दोबारा पैसे मांगे तो जान से हाथ धोना पड़ेगा. धमकी देने वाले ने अपना नाम प्रसाध पुजारी बताया. उसने उन्हें मुंबई में न घुसने की धमकी भी दी.
सिहानी गेट थाने में 2016 में दर्ज मुकदमे में एसीजेएम अष्टम की अदालत ने गैरजमानती वारंट जारी किया था. बता दें कि साल 2016 में गाजियाबाद के एक पुलिस स्टेशन में रेमो के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 420, 406, 386 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी.