रायपुर. देश के पर्यटन के नक्शे पर अपनी पहचान बना चुके छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन, जोखिम से परे एक अनुकूल और सुखद माहौल में संभव है. छत्तीसगढ़ में पर्यटन की अपार संभावनाएं ही नहीं, बल्कि धरातल पर आपकी संभावनाओं को सच साबित करते सैकड़ों दर्शनीय स्थल भी हैं.

छत्तीसगढ़ दुर्लभ वन्य प्राणियों, नक्काशीदार मंदिरों, जलप्रपातों, गुफाओं और शैलचित्रों से भरा हुआ है. यहां ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल हैं. राष्ट्रीय उद्यान और वन्य प्राणी अभ्यारण्य अद्वितीय है. इन्हीं सब नजारों को अपनी आंखों में कैद करने पर्यटकों का सिलसिला एक महीने बाद शुरू होने जा रहा है.

पर्यटन मंडल है तैयार

नव वर्ष 2023 का स्वागत करने के लिए छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल तैयार हैं. सैलानियों ने प्रकृति की गोद में बैठकर नववर्ष पर पिकनिक का लुत्फ उठाने की तैयारी की है. नव वर्ष की तैयारियों को लेकर प्रदेश का छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल खाने-पीने के इंतजाम से लेकर वाहन और संगीत के साधन भी जुटाने में लगे हैं. इस बार चित्रकुट, कबीरधाम, बार नवापारा बलौदा बाजार में स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा पर्यटकों के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

128 स्थान टॉप पर

पर्यटन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ अत्यंत समृद्ध राज्य है. यहां की प्राकृतिक गुफाएं, जलप्रपात, अभ्यारण्य और धार्मिक स्थलों के साथ ही जलाशय आदि पर्यटकों के लिए बेहद ही आकर्षित और मनभावन है. प्रदेश में 128 स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है. चुनिंदा पर्यटन स्थलों में खान-पान और आवास के लिए सर्वसुविधायुक्त होटल, मोटल, रिसॉर्ट और रेस्टोरेन्ट संचालित किए जा रहे हैं. जिसमें छत्तीसगढ़ी व्यजंनों का स्वाद हमेशा मौजूद होता है.

प्रदेश के टाइगर रिजर्व हैं खास

छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक नजारों के साथ पर्यटकों को सबसे ज्यादा पसंद की जगहों में प्रदेश के टाइगर रिजर्व क्षेत्र है. जीप्सी से जंगल की सैर, नौका विहार यहां आने वालों को प्राकृति की गोद में ले जाती है. सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व गारियाबंद, बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य बलौदा बाजार, अचानकमार टाइगर रिजर्व बिलासपुर, इन्द्रवती टाइगर रिजर्व बीजापुर के साथ ही गुरुघासीदास नेशनल पार्क राज्य के कोरिया जिले के बैकुंठपुर सोनहत मार्ग पर पांच किमी की दूरी पर है.

रिसॉर्ट-होटल बुकिंग फुल

छत्तीगढ़ के चित्रकोट जलप्रपात को छत्तीसगढ़ का नाइग्रा फॉल कहा जाता है. ये छत्तीसगढ़ का सबसे चौड़ा झरना है. जिसे देखने सालभर लाखों पर्यटक आते हैं. जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अनुराधा दुबे ने बताया कि दंदामी लक्जरी टूरिस्ट रिसॉर्ट, चित्रकोट, बैगा टूरिस्ट रिसॉर्ट, सरोदा दादर, कबीरधाम, धनकुल एथनिक रिसॉर्ट कोंडागांव, इको हिल रिसॉर्ट, कबीर चबूतरा, हरेली इको रिजॉर्ट बरनवापारा, हिल मैना हाईवे रिट्रीट कांकेर, होटल छत्तीसगढ़ रायपुर, होटल जौहर सिरपुर, कुरदार हिल इको रिसॉर्ट कुरदार, सैला टूरिस्ट रिजॉर्ट मैनपाट, सरना एथनिक रिसॉर्ट, बालाछापर जशपुर, सतरेंगा बोट क्लब और रिसॉर्ट कोरबा, सोनभद्र टूरिस्ट रिसॉर्ट अमदोब, बिलासपुर शामिल है.

जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अनुराधा दुबे ने बताया 25 दिसंबर और 1 जनवरी सेलिब्रेशन के लिए कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के सैलानियों की संख्या ज्यादा होती है. इसके बाद आंध्रप्रदेश, ओडिया, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के नागपुर और दिल्ली-मुंबई की ज्यादा बुकिंग होती है. पर्यटक संबंधी आंकड़े देखें तो जनवरी 2019 से लेकर अक्टूबर 2021 तक राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों में 2 करोड़ से ज्यादा घरेलू पर्यटक और 9145 विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ है.

स्थानीय कलाकारों को मिलता है मौका

छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड स्थानीय कला और कलाकारों को देश-दुनिया से रू-ब-रू करने अपने रिसॉर्ट में स्टॉल्स के माध्यम से प्रदर्शनी भी लगाता है. धनकुल एथनिक रिसॉर्ट कोंडागांव में बकायदा एक म्यूजियम भी बना है. यहां स्थानीय शिल्पकारों द्वारा लाइव अपनी हस्तशिल्प की कला का प्रदर्शन किया जाता है. जिसमें बस्तर आर्ट की कलाकृतियां हर आने वाले सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करती है.

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