पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने आखिरकार सात साल से विवादों में फंसी सहायक अभियंता (सिविल) प्रतियोगिता परीक्षा 2017 का अतिरिक्त अंतिम परिणाम जारी कर दिया है। पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद घोषित इस रिजल्ट में 124 नए उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है। परिणाम आते ही उम्मीदवारों के बीच लंबे समय से इंतजार खत्म हुआ और उनके चेहरों पर खुशी लौट आई।

सात साल से विवादों में फंसी परीक्षा

गौरतलब है कि यह परीक्षा 2017 से ही कानूनी विवादों और तकनीकी दांवपेंच में उलझी हुई थी। जुलाई 2021 में आयोग ने प्रारंभिक अंतिम परिणाम घोषित किया था, लेकिन इसके बाद 24 अगस्त 2021 को इसे संशोधित करना पड़ा। इसके बावजूद कई अभ्यर्थियों ने आपत्ति दर्ज कराई और मामला पटना हाईकोर्ट तक पहुंच गया। इस दौरान हजारों उम्मीदवारों का भविष्य अधर में लटका रहा।

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

स्नेही कुमारी बनाम राज्य सरकार एवं अन्य और सुधांशु कुमार बनाम राज्य सरकार एवं अन्य जैसी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद पटना हाईकोर्ट ने 29 अगस्त 2025 को आयोग को परिणाम पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने गहन समीक्षा की और 124 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया।

उम्मीदवारों की खुशी का ठिकाना नहीं

इन सफल उम्मीदवारों की अनुशंसा अब संबंधित विभाग को भेजी जाएगी, जिससे उनके सरकारी सेवा में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। सात साल तक अनिश्चितता में जी रहे उम्मीदवारों को अब स्थायी नौकरी मिलने की उम्मीद जगी है। परिणाम आने के बाद से अभ्यर्थियों में जश्न का माहौल है और उन्होंने इसे अपने संघर्ष और धैर्य की जीत बताया।

भविष्य के लिए सीख

यह मामला सिर्फ परिणाम जारी होने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक प्रक्रियाओं और परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर भी सवाल खड़ा करता है। सात साल तक न्याय का इंतजार करने वाले उम्मीदवार अब सिस्टम से अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।

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