रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई सरकार आने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बदहाल हो चुका है. भाजपा सदस्यों ने इस आरोप के साथ सदन में स्वास्थ्य मंत्री को घेरने की कोशिश. पक्ष-विपक्ष में जमकर तकरार हुआ, बवाल मचा और भाजपा सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया.

भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि प्रदेश में आयुष्यमान भारत और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना का लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है. अस्पतालों में अव्यवस्था का आलम है. निजी अस्पतालों को योजनाओं के तहत पेमेंट नहीं हो रहे हैं लिहाजा हालात बिगड़ रहे हैं. मरीजों का वक्त मेें इलाज नहीं मिल रहा वे असमय मौत के शिकार हो रहे हैं.

बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल कहा कि प्रदेश में आयुष्मान योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत भुगतान नहीं किये जाने की वजह से हालात बिगड़ रहे है. अस्पतालों को पेमेंट नहीं हो रहा. इस वजह से अस्पताल मरीजों का इलाज नहीं कर रहे. इलाज नहीं मिलने की वजह से मरीजों की मौत हो रही है.

तभी विपक्षी सदस्यों के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 1 दिसम्बर 2018 से जनवरी 2019 तक 424 पुरुषों, 261 महिलाओं और 166 बच्चों की मृत्यु हुई है.

तभी विपक्ष की ओर से अजीत जोगी ने पूरक सवाल किया. जोगी ने पूछा कि कितने नेफ्रोलॉजिस्ट है? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डीकेएस अस्पताल में नेफ्रोलॉजिस्ट है, कितने हैं इसकी जानकारी मैं अलग से दे दूंगा.

फिर जोगी ने कहा कि डायलिसिस कराना बेहद महंगा होता है. इसी सदन में 2017 में प्रस्ताव पास किया गया था डायलिसिस मुफ्त में कराए जाने को लेकर, अब तक कितने हुए?
जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डायलिसिस मशीन बढ़ाये जाने के लिए केंद्र को भी पत्र लिखा गया है. मशीन लाने से ज्यादा दिक्कत उसे चलाने वाले टेक्नीशियन की कमी का होना है. 5 मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस की व्यवस्था है, 6 मुख्यालयों में भी मशीन है. 11 अन्य जिलों में जल्द मशीन लगाए जाने को लेकर केंद्र से बात हो गई है.

भाजपा विधायक अजय चन्द्राकर ने कहा कि पिछली सरकार में हम पीपीपी मोड की दिशा में आगे बढ़े थे. लेकिन आज लोगों को यूनिवर्सल हेल्थ केयर के नाम पर झूठे सपने दिखाए जा रहे है. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये योजना लांच हो गई है. बजट का प्रावधान किया गया था. वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि यूनिवर्सल हेल्थ स्किम में कितनी राशि तक का इलाज किया जा सकता है? सिंहदेव ने कहा ये स्किम नहीं है ये केयर है. हम इसे लागू कर रहे हैं. इसमें थोड़ा समय लगेगा. तभी बीजेपी विधायकों ने एक साथ कहा यहां तो मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

विपक्षी सदस्यों के इन आरोप पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये आपत्तिजनक शब्द है. कहीं भी मरीजों के स्वास्थ्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं किया गया. स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा रहा है. प्रदेशावासियों को निःशुल्क स्वास्थ्य मिलेगी.  मंत्री के इस जवाब पर असंतोष जाहिर करते हुए भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया.