दिलशाद अहमद. सूरजपुर. माँ की मृत्यु के बाद पुत्र ने छह महीने तक शव को घर में ही रखे रहा. माँ को जिंदा करने के लिए लगातार तंत्र-मंत्र का प्रयोग करता रहा. यहाँ तक कि बेटे ने माँ की आत्मा से बातचीत करने का भी दावा किया है. मामला विश्रामपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत रामनगर गांव का है.

मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस भी हैरान है. माँ की लाश छह महीने में कंकाल में तब्दील हो गई है. पड़ोसियों को भी ये बात अब तक क्यों नहीं पता चला…? ये बात तो बिल्कुल ही समझ के परे है. मृतिका का नाम कलेश्वरी गोड़ है. कलेश्वरी की मौत छह महीने पहले ही एक बीमारी के चलते हो गई थी.

कलेश्वरी के घर के लोगों ने निर्णय लिया कि वे उनका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. कलेश्वरी के शव को उसके बिस्तर पर ही रखकर जीवित करने के लिए लगातार टोना-टोटका करते रहे. अंधविश्वासी बेटा और कलेश्वरी के पति को पुलिस गिरफ्तार कर मामले की विस्तृत तस्दीक में जुट चुकी है.

 

इस संबंध में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष दिनेश मिश्रा ने कहा कि यह मामला पूरा अंधविश्वास का है. किसी व्यक्ति के मौत के बाद उसे किसी भी तंत्र-मंत्र-यंत्र से जीवित नहीं किया जा सकता है. मृत व्यक्ति को जीवित करने की शक्ति विज्ञान के पास भी नहीं है. माँ की आत्मा से बातचीत करने का दावा भी पूरी तरह से गलत है.