रायपुर. वरिष्ठ बीजेपी विधायक रामविचार नेताम को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है. नेताम नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा में शपथ दिलायेंगे. नेताम रामानुजगंज से विधायक हैं. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अजय तिर्की को 29663 वोट से हराया है.
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19, 20 और 21 दिसंबर को होगा, जिसमें रामविचार नेताम सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे.
प्रोटेम स्पीकर के कार्य
1. नए सदस्यों को शपथ दिलाना
2. विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराना
3. फ्लोर टेस्ट का काम करना
4. स्थायी स्पीकर चुने जाने तक सदन की गतिविधियों को संचालित करना.
5. सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने का कार्य भी प्रोटेम स्पीकर को ही करना होता है.
छत्तीसगढ़ में अब तक ये बने हैं प्रोटेम स्पीकर
प्रथम विधानसभा – महेंद्र बहादुर सिंह
द्वितीय विधान सभा – राजेंद्र प्रसाद शुक्ल
तृतीय विधान सभा – बोधराम कंवर
चतुर्थ विधान सभा – सत्य नारायण शर्मा
पंचम विधान सभा – रामपुकार सिंह
अब छठवीं विधान सभा के प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम होंगे.
जानिए रामविचार नेताम के बारे में
एक किसान परिवार में जन्मे रामविचार नेताम ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव में शुरू की. इसके बाद रामचंद्रपुर से आठवीं बोर्ड की परीक्षा पास कर हाईस्कूल की पढ़ाई रामानुजगंज में की. रामानुजगंज छात्रावास में रहकर उन्होंने अपनी हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी की थी. नेताम कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए अंबिकापुर चले गए, जहां उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी की.
भाजपा के कद्दावर नेता हैं नेताम
रामविचार नेताम भाजपा के कद्दावर नेता होने के साथ ही आदिवासी चेहरा भी हैं. नेताम छत्तीसगढ़ सरकार में गृहमंत्री भी रह चुके हैं. साथ ही राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. रामविचार नेताम साल 1990 से लेकर 2013 तक विधायक रह चुके हैं. छत्तीसगढ़ में जब भाजपा की सरकार थी, उस दौरान अहम मंत्रालय के मंत्री भी रहे हैं.
नेताम का सियासी सफर
रामविचार नेताम ने शिक्षक की नौकरी से त्यागपत्र देकर साल 1990 में तत्कालीन पाल विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में नेताम को जीत हासिल हुई थी. इसके बाद लगातार साल 1993, 1998, 2003, 2008 में विधानसभा चुनाव जीते. साल 2013 तक रामानुजगंज विधानसभा सीट से ये विधायक रहे हैं.
10 साल तक रमन सिंह की सरकार में रहे मंत्री
रामविचार नेताम साल 2004 में पहली बार आदिम जाति कल्याण विभाग और राजस्व विभाग के मंत्री बने. साल 2005 से लेकर साल 2008 तक गृह जेल और सहकारिता विभाग के मंत्री रहे. लगातार 2013 तक पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग विधि विधायी कार्य समेत कई विभाग के मंत्री रहे. साल 2016 से लेकर साल 2022 तक छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय टीम में राष्ट्रीय सचिव के पद पर भी संगठन का जिम्मा संभाल चुके हैं.
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