मुंबई। सीनियर जर्नलिस्ट ज्योतिर्मय डे यानि जेडे हत्याकांड में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन समेत 9 दोषियों को मकोका कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. बता दें कि आज ही महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून यानि मकोका से संबंधित विशेष अदालत ने छोटा राजन समेत 9 दोषियों को दोषी करार दिया था. वहीं 2 आरोपी पत्रकार जिग्ना वोरा और पॉलसन जोसेफ को बरी कर दिया था.
11 जून 2011 में वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या छोटा राजन ने अपने गुर्गों द्वारा करा दी थी. हत्या के 7 साल के बाद मामले में फैसला आया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर अडकर ने जेडे हत्याकांड में 11 आरोपियों में से 9 को दोषी करार दिया है. बता दें कि दोषी छोटा राजन को नवंबर 2015 में इंडोनेशिया से प्रत्यर्पण के जरिए भारत लाया गया था. फिलहाल वो दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है.
मकोका कोर्ट ने इस मामले की अंतिम सुनवाई फरवरी में शुरू की थी, जो अप्रैल में खत्म हुई. इस मामले के 11वें आरोपी विनोद आसरानी उर्फ विनोद की मौत 2015 में हो चुकी है.
पत्रकार जेडे हत्याकांड
सीनियर जर्नलिस्ट ज्योतिर्मय डे अंग्रेजी सांध्य दैनिक मिड डे के संपादक (इनवेस्टिगेशन) थे. उन्हें मुंबई के पवई में उनके घर के पास ही गोली मार दी गई थी. उस वक्त ये घटना मीडिया की सुर्खियां बनी थीं. मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया था. पुलिस ने नवंबर 2011 में मुंबई के एशियन एड की डिप्टी ब्यूरो चीफ जिग्ना वोरा समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया था. जिग्ना वोरा पर आरोप लगे थे कि उसने ही छोटा राजन को जेडे की हत्या के लिए उकसाया था. हत्याकांड के वक्त छोटा राजन विदेश में था और उसने अपने गुर्गों से जेडे की हत्या करवाई थी. उन्हें 5 गोली मारी गई थी, जिसके बाद डे की मौत हो गई थी. छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने मामले की दोबारा जांच की.
ये भी बताया जा रहा है कि जेडे ने छोटा राजन के खिलाफ भी कई खबर लिखी थी. राजन को ये भी शक था कि जेडे दाउद इब्राहिम की डी कंपनी के साथ मिलकर उसकी हत्या करवाना चाहता है. वहीं जेडे एक किताब लिख रहे थे, जिसमें छोटा राजन के बारे में काफी कुछ वे लिखने वाले थे. ये भी हत्या की एक वजह बनी. छोटा राजन को लगता था कि जेडे दाउद इब्राहिम से मिल चुके हैं.