सुप्रिया पांडेय, रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना से इंकार करते हुए कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है. हम लोग लगातार समीक्षा और कार्य में सुधार करते रहे हैं, सामूहिक जिम्मेदारी हम सब की है इसलिए मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल की संभावना नहीं है. लेकिन यदि हाईकमान का कोई निर्देश होगा तो हम लोग बात करेंगे.

बस्तर दौरे पर रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एयरपोर्ट में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अभी लगातार सरगुजा संभाग, बिलासपुर संभाग उसके बाद बस्तर संभाग के हर जिले में कार्यक्रम हो रहे है. हर जिले में 2 दिन आम सभा भी कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं व अधिकारी, कर्मचारी से मिल रहे है. सामाजिक संगठनों से भी मुलाकात हो रही है, बस्तर में 2 जिले का दौरा हमने किया है.

उन्होंने कहा कि बस्तर, कोंडागांव और कांकेर में इस समय दौरे पर रहेंगे. वहां फॉरेस्ट राइट एक्ट के तहत पट्टा कितना मिला है या नहीं. शासकीय योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को मिला या नहीं. जो विकास कार्य किया उसके शिलान्यास लोकार्पण का भी काम उसमें होगा. देवगुड़ी के लिए राशि हमने दी है, घोटुल को लेकर भी राशि स्वीकृत की है.

धरमलाल कौशिक के सावरकर को पढ़ने के बार में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि सावरकर के बारे में पांच लाइन बता दें कि पहली बात तो यह है कि वह आस्तिक की नास्तिक है. दूसरा गाय के बारे में उनके विचार क्या है इसके बारें में बता दें. यह दो लाइन बता दे तीसरा यह बता दे कि वो अंग्रेजों से माफी कितने बार मांगे है और जेल से छूटने के बाद वो एक बार भी आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लिए हैं. अंग्रेजों के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा. यह चार-पांच सवाल है जिसका जवाब दे दें.

अभनपुर विकासखंड में किसान की आत्महत्या करने और बीजेपी की 25 लाख की मांग करने के सवाल पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि उनके और हमारे शासनकाल में अंतर है. पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू के गांव में किसान के बेटे ने आत्महत्या की थी, और उन्होंने खत में लिखकर इसके लिए चंद्रशेखर साहू को जिम्मेदार बताया था. जब हम परिवार से मिलने गए थे तो एफआईआर हुआ, और हर महीने हम लोग पेशी में जाते थे. यह उनका गुंडा राज था कि वहां मृतकों के परिवार से भी नहीं मिल पाते थे. यह चंद्रशेखर और भारतीय जनता पार्टी की दादागिरी थी, अच्छी बात है मृतकों के परिवार के पास आपको जाना चाहिए. किसान के आत्महत्या का कारण जानकर उस पर कार्रवाई की जाएगी.

आरएसएस के स्थानीय नेतृत्व को हटाए जाने के सवाल पर सीएम ने कहा कि यहां के आरएसएस के लोग नागपुर के बंधवा मजदूर हैं, और उससे उबर नहीं पाए हैं. बिसरा राम यादव स्थानीय व्यक्ति हैं, छत्तीसगढ़ के माटीपुत्र हैं, अब उसको भी हटा दिया गया. मतलब, अब पूरी तरह से यहां कोई आरएसएस का आदमी स्थानीय तौर पर कोई बड़ा नहीं हो सकता, और पूरी तरह से यहां के आरएसएस के लोग बंधवा मजदूर हो गए है. जैसे नक्सलियों के आंध्रप्रदेश और तेलांगाना में कमांडर रहते हैं, यहां के लोग केवल बंदूक चलाते हैं. उसी प्रकार से आरएसएस में भी उसके सारे लोग नागपुर के हैं. बचत यहां अफवाह फैलाने का काम करेंगे.

हाईकमान के बड़ी जिम्मेदारी देने पर कहा कि भाजपा 15 साल सत्ता में रही है. 15 साल तक के यहां के कार्यकर्ताओं को दूसरे राज्य में चुनाव में भेजा जाता था. वो अपना अनुभव बता रहे हैं. जहां तक कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति की बात है तो यहां हमेशा छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व रहा है. चाहे अरविंद नेताम हैं, विद्याचरण हो, चंदूलाल चंद्राकर, मोतीलाल वोरा, चरणदास महंत लंबे समय तक रहे छत्तीसगढ़ को हमेशा प्रतिनिधित्व मिलता रहा है. उस समय जब ये दौरे पर जाते थे, पूरे राज्यभर में वसूली होती थी. सारे अधिकारी परेशान रहते थे. सबको टारगेट दिया जाता था, इतना राशि जमा करो. हर डिवीजन से पैसा वसूला जाता था, और भेजा जाता है. वो अपना अनुभव बता रहे हैं वो जितने बार बोलते हैं. थोड़ा सा फ्लैशबैक में जाइए उसी बात को नाम बस बदल देते हैं. लेकिन काम वो लोग करते रहे हैं. हम तो कार्यकर्ता हैं, शुरू से जाते रहे है, अब भी जाएंगे.