शब्बीर अहमद, भोपाल। चार दिवसीय मानसून सत्र जब डेढ़ दिन में ही समाप्त हो गया तो कांग्रेस विधायक बाबू जांडेल का गुस्सा फट पड़ा। गुस्से में विधायक ने किसी और के नहीं बल्कि अपने ही कपड़े फाड़ कर फेंक दिए। विधायक के कपड़े फाड़ने से विधानसभा में हड़कंप मच गया। बाबू जांडेल श्योपुर से विधायक हैं।
दरअसल लगातार हुई बारिश और बाढ़ ने एमपी में जमकर तबाही मचाई। बाढ़ का पानी उतर तो गया लेकिन तबाही के निशान और दर्द लोगों की आंखों में छोड़ गया। बाढ़ से लोगों के घर जमींदोज हो गए, कईयों ने अपनों को खो दिया, हजारों मवेशियों की मौत हो गई, किसानों की फसल चौपट हो गई। शासन प्रशासन के दावों के बीच लोग अब भी मदद की आस लगाए बैठे हुए हैं। बाढ़ से हुई तबाही और पीड़ित लोगों की मदद को लेकर विधायक सदन में चर्चा करना चाहते थे।
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तबाही का मंजर अपनी आंखों से देखने के बाद जब उस पर सदन में कोई चर्चा नहीं हो पाई तो विधायक फट पड़े। उन्होंने अपने ही कपड़े फाड़ कर फेंक दिए। विधायक बाबू जांडेल ने कहा कि हजारों लोग बेघर हो गए, हजारों की संख्या में मवेशी मर गए। लोगों ने घरों पर चढ़कर जान बचाई। मैंने लोगों का दाह संस्कार किया। बाढ़ के मुद्दे पर सदन मे 5 मिनट के लिए चर्चा चाहता था। लेकिन सरकार 5 मिनट भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की। सरकार बड़ी बड़ी घोषणा कर रही है बाढ़ प्रभावितों के लिए। जमीन पर कोई राहत नहीं पहुंच रहा है। श्योपुर में बाढ़ आपदान ने नहीं बल्कि स्थानीय प्रशासन ने बर्बाद किया है। श्योपुर में सबसे ज्यादा बाढ़ ने तबाही मचाई है।
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डेढ़ दिन में क्या हुआ सदन में ?
विधानसभा का 4 दिवसीय मानसून सत्र का आगाज़ 9 अगस्त को हुआ। सदन की कार्यवाही शुरु होते ही विश्व आदिवासी दिवस पर छुट्टी नहीं देने के मसले पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। सदन के दूसरे दिन यानी कि आज पहले महंगाई पर विपक्ष ने हंगामा किया। हंगामे की वजह से अध्यक्ष ने आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। कार्यवाही शुरु होते ही काली एप्रेन पहनकर पहुंचे कांग्रेसी विधायकों ने ओबीसी आरक्षण के मामले में जमकर नारेबाजी और हंगामा किया। विपक्षी हंगामे के बीच सरकार ने कई विधेयकों को पेश किया और बगैर चर्चा उन्हें पारित कर दिया। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। इस तरह 4 दिन का मानसून सत्र महज डेढ़ दिन में ही समाप्त हो गया।
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