राकेश चतुर्वेदी, शब्बीर अहमद, भोपाल। एमपी विधानसभा का 4 दिवसीय मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। चार दिवसीय सत्र हंगामे और शोर शराबे के बीच डेढ़ दिन में ही समाप्त हो गया। हंगामा और शोर शराबे के बीच सरकार ने एक के बाद एक कई विधेयक पेश किये और बगैर चर्चा के ही उन्हें पास कर दिया गया।

आदिवासी दिवस पर छुट्टी के मसले के बाद सत्र के दूसरे दिन सदन में कांग्रेस ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण पर भी आक्रामक रही। महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष ने सदन में सरकार को घेरा, पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों को लेकर कांग्रेस विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया। कमलनाथ ने मंहगाई पर सदन में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा किए जाने की मांग की। अध्यक्ष ने मांग को अस्वीकार कर दिया। जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया और नारेबाजी करते हुए आसंदी के निकट पहुंच गए। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया।

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सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे दुबारा शुरु होते ही विपक्ष ने फिर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायक स्लोगन लिखे काले रंग के एप्रेन पहनकर सदन के भीतर पहुंचे। कांग्रेस विधायकों ने सदन में जमकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने ओबीसी आरक्षण पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट में कहा कि आरक्षण को रद्द किया जाए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर ओबीसी आरक्षण के मसले पर विपक्ष को जमकर आडे़ हाथों लिया।  मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने पिछड़ों के साथ धोखा किया है। कांग्रेस के लोग कर क्या रहे थे। इन्होंने स्टे करवा दिया।

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कांग्रेस के नारेबाजी और शोर शराबा के बीच सरकार ने 6 विधेयक सदन में पेश किए और बगैर चर्चा के ही उन्हें पारित कर दिया। उधर कांग्रेस विधायकों ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायकों ने आसंदी का घेराव कर दिया। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

सरकार आवाज दबाना चाहती है- कमलनाथ

सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करते ही कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए बाहर निकले। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि आदिवासियों को अपना उनका दिवस नहीं मनाने दिया। आज विधानसभा शुरू हुई महंगाई पर सवाल पूछा। हमने कई प्रस्ताव रखे थे लेकिन किसी को स्वीकार नहीं किया गया। 55 फीसदी ओबीसी आबादी है हमने आरक्षण दिया। सरकार ने गलत जवाब कोर्ट में दिया जिसके कारण स्टे लगा। बाढ़ पर बात नहीं कर रहे, कोविड पर बात नहीं कर रहे, सरकार आवाज दबाना चाहती है।

लोकसभा चुनाव में वोट के लिए लाया आरक्षण- भूपेन्द्र सिंह

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ओबीसी आरक्षण मामले में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 10 मार्च से 19 मार्च के बीच कोर्ट में कोई जवाब नहीं दिया। एक साल तक कांग्रेस ने सरकार मे रहते ओबीसी आरक्षण के लिए कुछ नहीं किया। सरकार की तरफ से वकीलों को खड़ा किया गया। हमने इस मुद्दे पर जोरदार पक्ष रखा। अगली सुनवाई में देश के बड़े वकील सरकार का पक्ष रखेंगे। सिर्फ लोकसभा चुनाव मे ओबीसी का वोट मिल जाए इसलिए आरक्षण का लाया गया। विदेशी ताकतों के साथ मिलकर कांग्रेस समाज को बांटना चाहती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओबीसी वर्ग को संवैधानिक दर्जा दिया।  विपक्ष ने सदन को चलने नहीं दिया। एप्रन पहनकर कांग्रेस ने सदन मे हंगामा किया।

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