ईओडब्ल्यू ने पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बृजकिशोर कुठियाला सहित 20 प्रोफेसरों व कर्मचारियों पर धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र की एफआईआर दर्ज कर ली है. यह एफआईआर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है. ईओडब्ल्यू ने एफआईआर में जिक्र किया है कि 2003 से 2018 के बीच माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय संस्थान में यूजीसी के नियमों के विपरीत अपात्र व्यक्तियों की नियुक्ति की गई है. कुठियाला ने विश्वविद्यालय के अकाउंट से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ी संस्थाओं व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित अन्य संस्थाओं को मनमाने भुगतान किए हैं. इसके अलावा संस्थान की राशि अवैधानिक ढंग से खुद व परिवार के सदस्यों पर भी खर्च की है.
भोपाल. कांग्रेस ने अपनी सरकार बनने के एक माह बाद ही पत्रकारिता विवि में हुई नियुक्तियों व आर्थिक गड़बडिय़ों की जांच के लिए 18 जनवरी को अपर मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी. इस कमेटी ने जांच करके अपनी रिपोर्ट 7 मार्च को सौंप दी. विवि के रजिस्ट्रार दीपेंद्र सिंह बघेल ने दो दिन पहले ईओडब्ल्यू को इन गड़बडिय़ों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा था.
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एफआईआर में इन 20 नामों का उल्लेख
बृजकिशोर कुठियाला, डॉ. अनुराग सीठा, डॉ. पी शशिकला, डॉ. पवित्र श्रीवास्तव, डॉ. अविनाश बाजपेयी, डॉ. अरुण कुमार भगत, प्रोफेसर संजय द्विवेदी, डॉ. मोनिका वर्मा, डॉ. कंचन भाटिया, डॉ. मनोज कुमार पचारिया, डॉ. आरती सारंग, डॉ. रंजन सिंह, सुरेंद्र पॉल, डॉ. सौरभ मालवीय, सूर्यप्रकाश, प्रदीप कुमार डेहरिया, सत्येंद्र कुमार डेहरिया, गजेंद्र सिंह अवश्या, डॉ. कपिल राज चंदोरिया और रजनी नागपाल