हेमंत शर्मा, इंदौर। कोरोना संक्रमण की कारगर दवा माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत और कालाबाजारी के बाद नकली इंजेक्शन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इंदौर क्राइम ब्रांच ने नकली रेमेडेसिविर इंजेक्शन की एक बड़ी खेप पकड़ी है। पुलिस ने मामले में खंडवा रोड से एक फार्मा व्यवसायी को गिरफ्तार कर उसके पास से 400 के करीब रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किया है।
गिरफ्तार किये गए व्यवसायी का नाम डॉ विनीत त्रिवेदी बताया जा रहा है। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मामले की जानकारी जिला प्रशासन और ड्रग विभाग को भी दी।
बरामद किये गए रेमडेसिविर इंजेक्शन को पुलिस प्रथमदृष्टया नकली मान रही है। इसे जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। जानकारी के मुताबिक बरामद किया गया इंजेक्शन हिमाचल प्रदेश की एक फार्मा कंपनी द्वारा बनाया गया है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस फार्मा कंपनी का नाम बरामद इंजेक्शन को बनाने में सामने आ रहा है वो रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं बनाती है।
इस पूरे मामले में इंदौर डीआईजी और कलेक्टर ने भी डॉक्टर विनीत से पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में आरोपी डॉ विनीत त्रिवेदी की एक फार्मा कंपनी की भी जानकारी पुलिस को मिली है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की सूचना मिली थी। जिसके बाद उन्होंने दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से 16 पैकेट बरामद किये गए, जिसमें सभी पैकेट में 25 इंजेक्शन वॉयल मौजूद थे। आरोपी इंजेक्शन की खरीदी के संबंध में कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका है। अधिकारियों का कहना है कि इंजेक्शन कहां से लाया गया था और किसे-किसे बेचा गया है इसकी जांच की जा रही है। अधिकारी ने कहा कि ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि बरामद किये गए इंजेक्शन की वैलिडिटी नहीं है।