शैलेंद्र पाठक, बिलासपुर। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण में बढ़ोतरी के फैसले को लेकर राज्य सरकार को हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. मामले में एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला सहित अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने निर्णय पर अमल करने पर रोक लगा दी है.

हाईकोर्ट के अधिवक्ता रोहित शर्मा ने सरकार के ओबीसी को आरक्षण दिए जाने के फैसले पर रोक लगाए जाने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने एक अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था. मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाया गया है.

वहीं मामले में छत्तीसगढ़ शासन के महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा ने बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को दिया गया आरक्षण यथावत है, हाईकोर्ट ने केवल ओबीसी के आरक्षण में की गई 13 प्रतिशत बढोतरी पर रोक लगाई है. ओबीसी को मिलने वाला 14 प्रतिशत आरक्षण यथावत रहेगा.

हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला

मामले की जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता कुणाल शुक्ला ने बताया कि उनके साथ विवेक ठाकुर और नवनीत तिवारी के साथ अन्य ने सरकार के आरक्षण दिए जाने के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई थी. इस पर राज्यपाल और मुख्य सचिव को भी पत्र सौंपा गया था. कुणाल शुक्ला ने बताया कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था, जिस पर आज हमें न्याय मिला है.

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