रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रहे रिटायर्ड आईआरएस अधिकारी अमन सिंह के खिलाफ पीएमओ में हुई शिकायत पर राज्य शासन ने जांच के आदेश दे दिये हैं. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की सचिव रीता शांडिल्य ने एक आदेश जारी किया है,जिसमें ईओडब्ल्यू के महानिदेशक को पीएमओ से प्राप्त शिकायत का हवाला देते हुए अमन सिंह के खिलाफ जांच के आदेश दिये गये हैं.
राज्य शासन द्वारा जारी आदेश में ईओडब्ल्यू से कहा गया है कि 16 जनवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त पत्र,जिसमें शिकायतकर्ता विजया मिश्रा ने अमन सिंह के खिलाफ आरोप लगाये हैं, की जांच सुनिश्चित करायें.राज्य शासन की ओर से ईओडब्ल्यू को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि पीएमओ में हुई शिकायतों के संबंध में अब तक कोई जांच नहीं कराई गई थी,इसलिये राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि शिकायत की जांच एसआईटी गठित कर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की जाये. राज्य शासन ने ईओडब्ल्यू को निर्देशित किया है कि ब्यूरो द्वारा जांच कार्यवाही करते हुए राज्य शासन को अवगत करायें.
गौरतलब है कि दिल्ली की द्वारका में रहने वाली विजया मिश्रा ने 4 जनवरी 2019 में प्रधानमंत्री कार्यालय में ईमेल के जरिए अमन कुमार सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने दस्तावेजी प्रमाण के आधार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए अमन कुमार सिंह के खिलाफ जांच की मांग की थी. उन्होंने अपनी शिकायत में पूर्व गृहमंत्री और बीजेपी विधायक ननकीराम कंवर के उन पत्रों का भी संदर्भ दिया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री से भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों के तहत अमन कुमार सिंह के खिलाफ जांच की मांग की गई थी.
पीएमओ से की गई अपनी शिकायत में विजया मिश्रा ने कहा था कि आईआरएस से वीआरएस लेने के बाद अमन कुमार सिंह ने संविदा नियुक्ति के दौरान यह तथ्य छिपाया था कि उनके खिलाफ किसी भी तरह की जांच पेंडिंग नहीं है, जबकि छत्तीसगढ़ में डेपुटेशन से पहले 2001-2002 में कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट में बंगलुरू में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में जांच की गई थी. भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद उन्हें सीबीआई जांच से गुजरना पड़ा था. शिकायत में यह भी लिखा गया है कि कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज के डीजी विजिलेंस ने अमन कुमार सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत चार्जशीट जारी किया था. 4 जून 2009 को मिले आरटीआई दस्तावेजों के आधार पर विजया मिश्रा ने अपनी शिकायत में इसका भी उल्लेख किया है कि अमन कुमार सिंह के खिलाफ चल रहा यह मामला अब भी पेंडिंग है, जिस वक्त उनके खिलाफ जांच चल रही थी, वह छत्तीसगढ़ में डेपुटेशन पर काम कर रहे थे. बाद में साल 2010 में उन्होंने इंडियन रिवेन्यू सर्विसेज से इस्तीफा दे दिया.
शिकायतकर्ता विजया मिश्रा ने कहा था कि 9 फरवरी 2010 को छत्तीसगढ़ सरकार ने नोटशीट जारी कर अमन कुमार सिंह को सचिव पद पर संविदा नियुक्ति दी थी. बाद में उन्हें प्रमुख सचिव के रूप में पदोन्नति दी गई. इससे पहले संविदा नियुक्ति के दौरान 25 जनवरी 2010 को जारी नोटशीट में यह लिखा गया कि अमन कुमार सिंह के खिलाफ किसी भी तरह की विभागीय जांच जारी नहीं है, लेकिन 2अगस्त 2010 को इस प्रकरण से जुड़ी एक नोटशीट में उनके खिलाफ विजिलेंस के एडिशनल कमिश्नर के हवाले से भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना किए जाने का संदर्भ मिलता है.