कोरोना के बढ़ते संक्रमण और प्रदेश के विभिन्न जेलों में कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए हाई कोर्ट ने जेलों में बंद कैदियों की पैरोल अवधि और बढ़ा दी है.

हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक आज दिनांक 1 दिसंबर 2020 से अगले दो हफ्ते तक के लिए सभी कैदियों की पैरोल बढ़ाई गई है. हाई कोर्ट ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि इसके बाद किसी भी प्रकार की पैरोल अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी.

कोरोना के चलते सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के हाईकोर्ट को बंदियों को पेरोल पर छोड़ने का निर्देश दिया था. हाईकोर्ट ने तीस नवंबर तक बंदियों को पेरोल पर रहने की छूट दी थी. जेल प्रशासन के अवधि खत्म होने के बाद पेरोल पर बाहर बंदियों को 1 दिसंबर को उपस्थित होने के निर्देश जारी किए थे. मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 15 दिन की अवधि बढ़ाई है. इसके बाद बंदियों को किसी तरह की छूट नहीं होगी क्योंकि कोरोना से सुरक्षा के उपाय जेल प्रशासन ने पूरे कर लिए है.

जाने क्या होता है पैरोल ?

पैरोल का सीधा साधा अर्थ है की , जब कोई भी व्यक्ति अपराध करता है, तो  उस व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार करती है , गिरफ़्तार किये गए  उस आरोपी व्यक्ति को पुलिस द्वारा  magistrate  या  court  के सामने 24 घंटे के भीतर हाजिर करना होता है , कोर्ट में उस व्यक्ति के अपराध के अनुसार न्यायाधीश के द्वारा सजा सुनाई जाती है, जिसके बाद उस व्यक्ति को जेल में भेज दिया जाता है.

अब मान लीजिये उस दोषी व्यक्ति को 10 साल की जेल की सजा सुनाई है, ऐसे में उस बंदी व्यक्ति को उसकी सजा की अवधि पूरी न हुयी हो या सजा की अवधि समाप्त होने से पहले उस व्यक्ति अस्थाई रूप (temporary) से जेल से रिहा कर देने को ही पैरोल कहते है.    यह पैरोल बंदी व्यक्ति के अच्छे आचरण (Good Behavior) को नजर में रखते हुए दी जाती है.