नई दिल्ली/मुंबई. महाराष्ट्र के ‘महाभारत’ पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी. फैसला आज मंगलवार को अपना फैसला सुनाना शुरू कर दिया है. इस बीच पूरे दिन राजनीतिक हलचल बनी रही. शाम को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन ने होटल हयात में 162 विधायकों की परेड करा कर अपनी ताकत दिखायी. होटल में पहुंचे विधायकों से शपथ भी दिलवायी गयी. इस पर भाजपा ने तंज कसते हुए इसे महज फोटो सेशन करार दिया.

  इससे पहले संसद में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को सदन की कार्यवाही नहीं चल पायी. कांग्रेस सदस्यों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया.

महाराष्ट्र मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला- 27 नवंबर को शाम 5 बजे होगा फ्लोर टेस्ट

  उधर, सुप्रीम कोर्ट में सरकार गठन के मुद्दे पर हुई सुनवाई में जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष शिवसेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके गठबंधन के पास 154 विधायकों के हलफनामे हैं. हालांकि, केंद्र सरकार ने भी दावा किया कि सरकार गठित करने के लिए भाजपा को एनसीपी के 54 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.

 जस्टिस रमना पढ़ रहे फैसला- फ्लोर टेस्ट के दौरान लाइव वोटिंग होगी, गुप्त मतदान नहीं होगा

 बहरहाल, दोनों पक्षों के बहुमत के दावे से राजनीतिक हलके में अनिश्चितता का माहौल और गहरा गया है. सभी की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं. वहीं, शीर्ष अदालत का फैसला आने से पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली.

 असली एनसीपी कौन

 होटल हयात में विधायकों की परेड के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे. पवार ने विधायकों से कहा कि वह निजी तौर पर सुनिश्चित करेंगे कि सदन में शक्ति परीक्षण के दौरान भाजपा के खिलाफ वोटिंग करने पर किसी की भी सदस्यता न जाए. उन्होंने कहा कि अजित पवार को पार्टी ने विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है.

 ऐसे में उनके पास व्हिप जारी करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. भाजपा गलत सूचना फैला रही है कि अजित एनसीपी के विधायक दल के नेता के तौर पर व्हिप जारी करेंगे. दूसरी तरफ अजित पवार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह असली एनसीपी से हैं. पार्टी के 54 विधायकों ने उन्हें अपनी तरफ से राज्य में सरकार गठन पर निर्णय के लिए अधिकृत किया है.