
लक्षिका साहू, रायपुर। महिला खिलाड़ियों के लिए महिला कोच की आवश्यकता को नकारते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि महिला के साथ महिला कोच होने की गारंटी आप नहीं दे सकते. सिर्फ महिला कोच का ऑप्शन नहीं है, क्योंकि बेस्ट कोच पुरुष ही हैं. यह भी पढ़ें : ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होंगे प्रसिद्ध कवि और कथाकार विनोद कुमार शुक्ल, CM साय बोले – छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात
राजधानी पहुँचे भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने चर्चा में महिला खिलाड़ियों के लिए महिला कोच की आवश्यकता के पत्रकारों के सवाल को ही गलत बताते हुए कहा कि इस बात की गारंटी नहीं दे सकते. हां, पांच में से दो कोच महिलाएं होना अनिवार्य है. हर गेम में महिला कोच भी अनिवार्य है, लेकिन आज भी बेस्ट कोच पुरुष ही है.

उन्होंने कहा कि एक तरफ बराबरी के दर्जे की बात चल रही है और दूसरी ओर इस तरह की बात हो रही है. पुरुष वर्ग को उठाकर फेंकने की आप बात कर रहे हैं. ऐसा है तो फिर घर में भी कमरा अलग कर दिया जाए. पुरुषों को अलग ही रख देना चाहिए. वहीं क्रिकेट की तरह रेसलिंग में भी महिलाओं की अलग बॉडी बनाने को लेकर कहा कि वर्ल्ड बॉडी ही ये कर सकती है. खेल इंडिपेंडेंट बॉडी है, इसकी इंटरनेशनल बॉडी जो लागू करेगी वहीं मान्य होगा.
पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने वहीं छत्तीसगढ़ में रेसलिंग के खिलाड़ियों को सपोर्ट न मिलने को लेकर कहा कि आप मेडल लेकर आएंगे, तब सरकार का ध्यान जाएगा. डिस्ट्रिक्ट लेवल, नेशनल लेवल पर मेडल लाइए. किसी के घर जाकर कोई सपोर्ट नहीं करता.
भारत में स्पोर्ट्स को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार अच्छा काम कर रही है. मोदी जी के कार्यकाल में भारत का स्पोर्ट्स बढ़ रहा है. खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा है, खेलों इंडिया कार्यक्रम से भी बढ़ा है. कुश्ती में मेडल गारंटी है, ओलंपिक मेडल आ रहे है. वहीं दौरे को लेकर कहा कि शिवरीनारायण मंदिर जाकर दर्शन करेंगे. रितेश्वर महाराज से मुलाकात करेंगे.
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