रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रधानमंत्री आवास योजना समेत कई मसलों को लेकर प्रेसवार्ता की. इस दौरान अग्रवाल ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार डरी, भयभीत, तानाशाही, सत्ता का दुरुपयोग कर माफियाराज चलाने वाली सरकार है. वहीं उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत के साथ हुई घटना हृदयविदारक है. वे 15 साल के मंत्री रहे हैं. घटना को लेकर सीसीटीवी फ़ुटेज जारी किया जाना चाहिए.

वहीं जगदलपुर में कांग्रेस के पार्षद ने प्रधानमंत्री आवास के 40 हितग्राहियों से 25-25 हज़ार रुपए लिए गए. शपथ पत्र देकर थाने में FIR की मांग की गई, लेकिन पुलिस संरक्षण देती रही. बीजेपी 18 दिनों से धरना दे रही है, आज जगदलपुर में बीजेपी ने बंद का आह्वान किया था.

बीजेपी कार्यकर्ता आज बंद कराने जब निकले तब पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व विधायक संतोष बाफ़ना, बैदूराम कश्यप समेत 470 कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर जगदलपुर से 25 किलोमीटर दूर अज्ञात स्थानों पर ले ज़ाया गया. रायपुर में 98 लोगों से 40-40 हज़ार रुपए वसूले गए थे, तब भी शिकायत होने के बाद कार्रवाई नहीं की गई.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सभी जिलो में कांग्रेस नेताओं ने अवैध वसूली की है. ये दुर्भाग्यजनक है कि अवैध काम करने वालों को सरकार का संरक्षण है. चाहे रेत माफिया हो, शराब माफिया हो, जंगल माफिया हो. अब तो सरकार के संरक्षण में आवास योजना माफिया भी तैयार हो गए हैं. जगदलपुर में चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन को वापस लेने दबाव बनाया जा रहा है.

अग्रवाल ने कहा कि ग़रीबों का छत छिनने वाली सरकार है. छत्तीसगढ़ सरकार के मैचिंग ग्रांट नहीं देने की वजह से केंद्र ने सात हज़ार मकान वापस ले लिए. कांग्रेस के लोग भ्रष्टाचार करने में लगे हैं. मकान स्वीकृत नहीं हुआ, लेकिन पैसा वसूली शुरू हो गई.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पूरा प्रदेश जानता है कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के संरक्षण में अवैध खनन किया जा रहा है. अधिकारियों से हम कहेंगे कि सरकार के ग़ैरवाजिब निर्देशों को ख़ारिज कर दें. सरकार के ग़लत निर्देशों के आधार पर अधिकारी प्रताड़ित करने का काम कर रहे हैं.

खुज्जी विधायक चन्नी साहू को अपनी सुरक्षा लौटानी पड़ी. पूरे छत्तीसगढ़ में अराजकता फैलाने का काम किया जा रहा है. बीजेपी प्रतिनिधिमंडल संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल से भी मिलेगा. राज्यपाल से शिकायत की जाएगी कि राज्य सरकार संवैधानिक व्यवस्थाओं की अनदेखी कर रही है. हम राज्यपाल से राज्य सरकार के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करेंगे.