रायपुर. वरिष्ठ भाजपा नेता एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में मीडिया के लिए विशेष मॉनीटरिंग सेल के गठन का विरोध किया है. उन्होंने इसे मीडिया की निष्पक्षता और स्वतंत्रता के लिए घातक बताते हुए तत्काल समाप्त करने की बात कही. बृजमोहन ने कहा कि गलत पत्रकारिता करने वालों के लिए भारत का कानून पर्याप्त है. कहीं कोई गलत हो रहा है उस पर कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करें. लेकिन नियंत्रण के लिए सेल बनाये जाने से पत्रकारों में भय का वातावरण निर्मित होगा.

सच्चाई व बेबाक राय वे नहीं रख पाएंगे. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि धान खरीदी में बारदाने को लेकर बस्तर में किसान सड़क पर आ गए, उन पर लाठियां बरस गई. यह बात अखबारों में भी छपी. पर सरकार ने विधानसभा में जवाब दिया कही बारदाने की शिकायत नहीं मिली. तो क्या अखबारों में छपी खबर को गलत करार देंगे? क्या प्रत्यक्षदर्शी पत्रकारों की रिपोर्ट को सरकार फर्जी करार देगे?

बृजमोहन ने कहा कि डेढ़ साल पहले बनी कांग्रेस की यह सरकार हर क्षेत्र में नाकाम हो गई है. प्रदेश का विकास पूर्णतः ढप्प पड़ा है, अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए है. शराब और रेत के अवैध व्यापार और उन व्यापारियों का ही बोलबाला है. चहुंओर भर्राशाही-तानाशाही का आलम है. बावजूद सरकार नहीं चाहती है कि इसके विरोध में कोई आवाज़ भी बुलंद करें.

उन्होंने कहा कि सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को तोड़ने का कुत्सित प्रयास कर रही है. संभवतः देश में ऐसा कोई राज्य नहीं है जो इस तरह से पत्रकारों के अधिकारों, उनकी स्वतंत्रता को रोकने का कार्य करें.

बृजमोहन ने कहा कि माना जाता है कि पत्रकार सदा निष्पक्ष रहते हैं और सरकार को सही दिशा पर चलने प्रेरित करते हैं. सरकार की अच्छाई और बुराई दोनों को सामने रखकर जनता को सच दिखाते हैं. ऐसे में सेल बनाकर पत्रकारिता पर नियंत्रण का दुरुपयोग प्रशासन तंत्र करेगा. इसके आड़ में पत्रकारों को प्रताड़ित किया जाएगा, सरकार के पक्ष में ही छापने का दबाव बनाया जाएगा. यह नियंत्रण सेल बनाकर सरकार तानाशाही कर रही है. जिसका प्रत्येक नागरिक को विरोध करना चाहिए.