सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। केन्द्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लाए जाने का पूर्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने स्वागत किया है। बृजमोहन ने कहा कि कोविड-19 काल में बच्चों की शिक्षा बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है, हमें बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए और उनके साल खराब ना हो इसके लिए जो मानव संसाधन मंत्रालय नई पॉलिसी बना रहा है वह पूरा सिस्टम देश के लिए उपयोगी होगा।

छत्तीसगढ़ में चंदखुरी मंदिर के निर्माण को लेकर उऩ्होंने कहा कि सरकार कांसेप्ट प्लान बनाती रहेगी योजनाओं की घोषणा करती रहेगी और उसको पूरा करना आने वाले समय पर हानिकारक होगा।

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भविष्य में नियुक्त होने वाले सभी अधिकारी कर्मचारियों के लिए अब तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि के तहत पहले साल में 70% दूसरे साल में 90% हो तीसरे साल में 100% तनख्वाह मिलेगी, इस पर तंज कसते हुए बृजमोहन ने कहा कि सरकारी कर्मचारी की नियुक्ति करते हैं तो वह नियुक्ति उसके परीक्षा लेकर उसकी योग्यता के आधार पर करते हैं लेकिन मेरे दृष्टि से 3 साल किया जाना भी उचित नहीं है। सरकारी कर्मचारी इस बारे में क्या सोचते हैं क्यों किया गया है? अस्सी नब्बे 100% की बात सरकार करती है यह सरकारी कर्मचारियों की साथ में मजाक है बहुत सारे राज्यों में हमसे बहुत सर अच्छा काम हो रहा है, उसको आप अपनाते क्यों नहीं है? जो खराब काम हो रहे है जिस काम से लोगों में असंतोष है वह क्यों अपना रहे हैं, उसे आप क्यों नहीं अपनाते जहां अच्छे काम हो रहे हैं तो हर चीज का उदाहरण देंगे कि बीजेपी सरकार में ऐसा हुआ तो यह सही नहीं है। सरकार पूरी तरह से कंगाल हो गई है काम करने के लिए कोई पैसे नहीं है छत्तीसगढ़ में काम पूरी तरह से ठप है पौने दो साल में स्काईवॉक, और एक्सप्रेस वे, हाईवे को नहीं बना पा रहे हैं राजधानी की यह हालत है तो बाकी पूरे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की क्या हालत होगी सरकार के पास पैसा नहीं है। मुझे यह जानकारी है किसी प्रकार के निर्माण के काम नहीं हो रहे है क्योंकि सरकार के पास में पैसा नहीं है, खाली स्वार्थ है, आम जनता को जिससे फायदा होना चाहिए वह काम नहीं हो रहा है। सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 30 फीसदी तक कटौती किए जाने का कठोर फैसला सरकार ले सकती है। हालांकि इस फैसले के बीच राज्य सरकार देश के अन्य राज्यों में लिए गए फैसलों की समीक्षा भी कर सकती है।

इसके साथ ही बृजमोहन ने स्काईवॉक को लेकर कहा कि स्काईवॉक की कमेटी में तीन विधायक है लेकिन मुझे नहीं बनाए मुझसे कोई सुझाव भी नहीं लिया गया और मैंने सुझाव दिए थे जब मुख्यमंत्री ने मीटिंग बुलाई थी। उसके बारे में सुझाव है कि उसका रास्ता छोड़ना हल नहीं है जितने कम से कम खर्चे में पूरा किया जा सके उस काम को पूरा करना चाहिए।