सुनील पासवान, बलरामपुर। बलरामपुर में मां की ममता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। यहां एक कलयुगी मां अपने नवजात शिशु को जंगल में छोड़ कर चले गई। मां की क्रूरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नवजात का मुंह कपड़े से बांधकर रखा गया था ताकि वह रो भी ना सके।

मामला रामानुजगंज पर्यटन घाट का है, यहां स्थित जंगल में रामानुजगंज वार्ड की महिलाएं लकड़ी काटने गई थीं। लकड़ी काटने के बाद जब वे इसे बांधने की तैयारी कर ही रही थीं कि उनकी नजर झाड़ियों के बीच मौजूद एक झूले पर पड़ी। झूले से सरसराहट की आवाज आने पर जब वे उसके नजदीक गईं तो उनकी आंखे फटी की फटी रह गई। झूले के अंदर एक नवजात बच्ची मौजूद थी, जिसका मुंह बांध कर उसे छोड़ा गया था। उन्होंने जैसे ही बच्ची का मुंह खोला तो उसकी किलकारियां जंगल में गूंज उठी। उन्होंने तत्काल लकड़ी के उस गट्ठर को वहीं छोड़कर बच्ची को अपने साथ घर ले कर आ गई। राममती और सरिता नाम की दोनों महिलाओं ने इसकी सूचना नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल, पार्षद विजय रावत, अनूप कश्यप और राधेश्याम गुप्ता नाम के व्यक्तियों को दी।

जिसके बाद बच्ची को रामानुजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां पर स्टाफ नर्स और डॉक्टरों की टीम ने बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण किया। बच्ची का वजन 2 किलो 310 ग्राम है और वह पूरी तरह से स्वस्थ है। फिलहाल उसे डॉक्टरों की निगरानी में स्वास्थ्य केन्द्र में ही रखा गया है, वहीं मामले की जानकारी रामानुजगंज पुलिस को भी दिया गया है।