रायपुर। पिछले एक दशक में नक्सलियों से लड़ते हुए सीमा सुरक्षा बल के 38 जवानों की शहादत हुई, वहीं मुठभेड़ में 18 माओवादियों को मार गिराया गया है. इस दौरान जहां 1650 माओवादियों की गिरफ्तारी भी हुई, वहीं 891 माओवादियों ने सरेंडर किया है. इस बात की जानकारी सीमा सुरक्षा बल कमांड मुख्यालय के अतिरिक्त महानिदेशक आरएस भट्टी ने बीते दस सालों से बल के कार्यों की जानकारी देते हुए दी.

बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक भट्टी ने मीडिया से छत्तीसगढ़ में नक्सल गतिविधियों में भारी गिरावट आई है. छत्तीसगढ़ और ओडिशा में माओवादी विरोधी अभियान, नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास के लिए नागरिकों के मन में सुरक्षा की भावना और सुदृढ़ करने में बल की भूमिका पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने बीते दस सालों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि बीएसएफ ने 1473 हथियार, 958 आईडी(IED),
3,176 किलोग्राम बारूद भी जब्त किया. वर्ष 2021 में बल ने कुल 15 हथियार, 54 IED जब्ती की. इसके अलावा 14 माओवादियों ने सरेंडर किया. कुछ गिरफ्तार भी हुए.

उन्होंने बताया कि बीएसएफ द्वारा 26 जनवरी को ओडिशा के मलकानगिरी जिले के स्वाभिमान अंचल में बोट एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की जाएगी, जिसका लाभ 151 गांव में रहने वाले करीब 30 हजार परिवारों को मिलेगा. वहीं कांकेर में 52 किलोमीटर लंबा 43 पुल/पुलिया के साथ कोयलीबेड़ा-प्रतापपुर-पंखजुर रोड प्रोजेक्ट योजना प्रगति पर है. ओडिशा में भी बीएसएफ ने 128 सड़क परियोजना तथा 44 पुल-पुलिया के निर्माण व संचालन में सुरक्षा प्रदान की गई.

यही नहीं सीमा सुरक्षा बल ने नक्सलियों के घोर विरोध व खतरे के बाद भी छत्तीसगढ़ व उड़ीसा में 196 मोबाइल फोन टावर्स के निर्माण में सुरक्षा सहयोग प्रदान किया. 91 मोबाइल टावर कांकेर नारायणपुर में लगे हैं, 105 मोबाइल टावर ओडिशा के मलकानगिरी कोर कोरपुर जिले ने लगे है. इस कार्य में और तेजी लाई जाएगी.