अमरनाथ यात्रा(Amarnaath Yatra) की सुरक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों की एक टुकड़ी को त्रिपुरा के उदयपुर से जम्मू भेजा जाना था. BSF ने जवानों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए रेलवे से AC-2 टियर के 2 कोच, AC-3 टियर के 2 कोच, 16 स्लीपर कोच और 4 जनरल/SLR कोच की मांग की थी. हालांकि, जो ट्रेन जवानों के लिए उपलब्ध कराई गई, उसकी स्थिति अत्यंत खराब थी.

एक जर्जर ट्रेन का वीडियो सामने आया है, जिसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि ट्रेन की खिड़कियां टूटी हुई हैं, दरवाजे बंद हैं, और टॉयलेट्स की स्थिति अत्यंत गंदी है. सीटें भी उखड़ी हुई हैं, जिससे सीट के लोहे की रॉड भी नजर आ रही है.

बीएसएफ के कंपनी कमांडर ने उदयपुर से चलने वाली विशेष ट्रेन का निरीक्षण किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह जवानों की सुरक्षा और अन्य आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त है या नहीं. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों और जवानों को ट्रेन की स्थिति देखकर आश्चर्य हुआ. सूत्रों के अनुसार, वैगनों की हालत अमानवीय और दयनीय थी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि जवानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए इसका उपयोग नहीं किया जा सकता. जांच में सामने आया कि महीनों से इन वैगनों का इस्तेमाल नहीं किया गया था, और हर वैगन में टूटे-फूटे सामान बिखरे हुए थे. ट्रेन की खिड़कियों और दरवाजों में छेद थे, टॉयलेट सीटें टूटी हुई थीं, और फर्श पर सैकड़ों कॉकरोच दौड़ रहे थे. अधिकांश सीटों पर गंदगी फैली हुई थी, और कई वैगनों में बिजली का कनेक्शन या बल्ब भी नहीं था.

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सूत्रों के अनुसार, ट्रेन में एक कंपनी के शस्त्र, आवास, भंडार और जवानों के बिस्तरों के लिए उपलब्ध स्थान अपर्याप्त था. इस मुद्दे को बीएसएफ के उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया गया. कंपनी कमांडर ने जानकारी दी कि ट्रेन के वैगन यात्रा के लिए उपयुक्त नहीं थे. आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी पर जा रहे बीएसएफ जवानों के लिए ऐसी ट्रेन में यात्रा करना जोखिम भरा साबित हो सकता है.

रेलवे ने BSF की शिकायत के बाद तुरंत बदली ट्रेन

बीएसएफ के सूत्रों के अनुसार, जब ट्रेन की खराब स्थिति के बारे में रेलवे से संपर्क किया गया, तो रेलवे ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ट्रेन को बदल दिया. अब नई ट्रेन के माध्यम से बीएसएफ के जवान अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए त्रिपुरा के उदयपुर से रवाना हो चुके हैं.

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BSF ने जारी किया स्पष्टीकरण

इस घटना के संदर्भ में बीएसएफ का स्पष्टीकरण सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि जवानों ने कोई विरोध या हंगामा नहीं किया. बीएसएफ की टुकड़ी के मूवमेंट के दौरान, अधिकारियों द्वारा ट्रेन का निरीक्षण किया जाता है, और इसके बाद ही जवान एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं. हाल ही में, बीएसएफ ने रेलवे द्वारा प्रदान की गई ट्रेन की स्थिति को लेकर चिंता जताई, जिसके परिणामस्वरूप रेल मंत्रालय ने ट्रेन को बदलने का निर्णय लिया.

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बीएसएफ के आईजी गुवाहाटी फ्रंटियर की ऑपरेशन शाखा ने एनएफ रेलवे से एक विशेष ट्रेन की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है. इस ट्रेन में लगभग 1200 बीएसएफ जवान सवार होंगे, जिनमें त्रिपुरा फ्रंटियर की सात कंपनियां, गुवाहाटी फ्रंटियर की तीन कंपनियां और एम एंड सी फ्रंटियर की तीन कंपनियां शामिल हैं. ये जवान अमरनाथ यात्रा 2025 की ड्यूटी के लिए 12 व 13 बटालियन के हिस्से के रूप में रवाना होंगे. विशेष ट्रेन उदयपुर रेलवे स्टेशन (त्रिपुरा) से 6 जून को जम्मू तवी रेलवे स्टेशन के लिए प्रस्थान करेगी. जवानों की सुविधा के लिए बीएसएफ ने रेलवे से एसी 2 के दो कोच, एसी 3 के दो कोच, 16 स्लीपर कोच और 4 जीएस/एसएलआर कोच उपलब्ध कराने की मांग की है.