प्रशांत सिंह, जांजगीर-चांपा. विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाजवादी पार्टी 9 प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है. जिसमें जांजगीर के लिए राधेश्याम सूर्यवंशी को उम्मीदवार घोषित किया है. इसके अलावा 90 सीटों में अपनी प्रबल दावेदारी के लिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से गठबंधन भी कर लिया है. लेकिन चुनाव से पहले ही पार्टी कार्यकर्ताओं में मनमुटाव सामने आने लगा है. नवागढ़ क्षेत्र के 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने आज सामूहिक इस्तीफा देकर पार्टी के नेतृत्व को नकार दिया है.

जांजगीर में बसपा अध्यक्ष इतवारी खूंटे ने बसपा प्रदेश अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष को लिखित रूप से आवेदन कर जांजगीर विधानसभा के प्रत्याशी को बदलने की मांग की थी. वहीं घोषित प्रत्याशी को बाहरी होने का आरोप लगाया था. जिस पर प्रदेश प्रभारी ने जिला अध्यक्ष रोहित डहरिया से कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठक कर रिपोर्ट मांगी थी. जिसके बाद भी जिला अध्यक्ष ने बैठक नहीं बुलाई और पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की. जिससे व्यथित होकर जांजगीर विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष इतवारी खूंटे ने अपने 100 कार्यकर्ताओं के साथ आज सामूहिक इस्तीफा देकर पार्टी को बड़ा झटका दे दिया है.

इधर पार्टी के अंदर उठ रहे बगावत को देखते हुए बसपा के जिला अध्यक्ष रोहित डहरिया ने कार्रवाई की और जांजगीर-चांपा विधानसभा अध्यक्ष इतवारी खूंटे के साथ मेला राम कर्ष और गिरीश कश्यप को पार्टी से निष्कासित कर दिया. बसपा के साथ बगावत करने वालो को एक सन्देश देते हुए डहरिया ने कहा कि पार्टी ने सोच समझकर और सर्वे में बाद पार्टी के हित में जीतने वाले प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारने का दावा किया और प्रत्याशी को जीताने के लिए कार्यकर्ता एकजुट हैं. पार्टी के नियम और कानून को नहीं मानने वालो को समय से पहले ही हटा दिया गया है.

विधानसभा प्रभारी मेला राम कर्ष का कहना है कि प्रदेश प्रभारी एन पी अहिरवार लगातार अपनी मनमानी करते आ रहे हैं. वे किसी की नहीं सुनते हैं. 20 साल हम कार्यकर्ता मेहनत करते आ रहे हैं. लेकिन लगातार बाहरी प्रत्याशी को टिकट दिया जा रहा है.

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