विक्रम मिश्र, लखनऊ. प्रसिद्ध बौद्ध धर्मगुरु भदंत ए.बी. ज्ञानेश्वर महास्थवीर का शुक्रवार को मेदांता अस्पताल में तड़के निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म के अनुसार 10 नवम्बर को कुशीनगर में होगा. उनके निधन का समाचार सुनकर कर दुनियाभर के बौद्ध राष्ट्राध्यक्षों समेत तमाम धर्मावलम्बीयों ने शोक जताया है. उनका शव कुशीनगर ले जाया जा रहा है. जहां दुनियाभर के बौद्ध धर्मावलंबी आकर 10 नवम्बर तक दर्शन करेंगे.

भदंत के अंतिम संस्कार में म्यांमार सहित दुनियाभर के कई राष्ट्राध्यक्षों के शामिल होने की संभावना है. भदंत ज्ञानेश महास्थवीर ने अपने जीवन को समाज सेवा और बौद्ध विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित किया था. भदंत ज्ञानेश महास्थवीर का जीवन बौद्ध धम्म और समानता के सिद्धांतों को समर्पित रहा. उन्होंने समाज में शांति, भाईचारा और करुणा का संदेश फैलाने में अहम भूमिका निभाई. भदंत को म्यांमार और श्रीलंका ने अपना सर्वोच्च सांस्कृतिक और धार्मिक सम्मान दिया है.

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बौद्ध धर्मावलंबी लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए लगातार कुशीनगर पहुंचना शुरू कर दिये हैं और श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं. दो वर्ष पूर्व म्यांमार सरकार ने उन्हें विशिष्ट धार्मिक उपाधि ‘अभिधजामहारथागुरु’ से सम्मानित किया था, जो बौद्ध धर्म के क्षेत्र में उनकी सेवाओं की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता का प्रतीक है.