Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई को बजट के दायरे में लाने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अब क्रिप्टोकरेंसी या किसी भी वर्चुअल एसेट्स के ट्रांसफर पर होने वाली आय पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा. वहीं एक निश्चित सीमा से अधिक के ट्रांजैक्शन पर टीडीएस (TDS) भी लगाने का ऐलान किया.

 बजट में साल 2022-23 से देश में डिजिटल रुपये की शुरुआत किए जाने का एलान किया. ‘डिजिटल रुपये’ की शुरुआत करने से देश में करेंसी मैनेजमेंट में सुधार की उम्मीद की जा रही है. सरकार लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेट करने के लिए बिल लाने पर विचार कर रही है, जिसे ‘क्रिप्टो बिल’ के नाम से जाना जाता है. अब सरकार ने इस पर टैक्स लगाकर क्रिप्टो को रेगुलेट करने की दिशा में पहला कदम रखा है, जिसे बड़ी गुड न्यूज की तरह देखा जा रहा है. पहले समझिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी.

आम बजट पेश होने के साथ ही क्रिप्टोकरेंसी में उछाल देखने को मिली. बजटीय भाषण खत्म होने के बाद बिटक्वाइन में 2.40 प्रतिशत का उछाल हुआ और इसके दाम 71,981 तक बढ़ गए.

क्या है डिजिटल या क्रिप्टोकरेंसी?

Crypto Currency भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर की ही तरह वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है. अंतर सिर्फ इतना है कि ये डिजिटल है, दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी पिछले काफी समय से सबसे गर्म मुद्दा बना हुआ है. दुनिया भर के साथ भारत में इसमें निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. भारत सरकार और आरबीआई ने निजी डिजिटल करेंसी पर नकेल कसने के लिए चालू शीतकालीन सत्र में बिल पेश करना की तैयारी की है.

इस तरह खरीदी जाती है क्रिप्टो करेंसी

क्रिप्टो करेंसी खरीदने के दो जरिए हैं. एक तो इन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए खरीदते हैं. दुनिया भर में सैकड़ों क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज काम कर रहे हैं. भारत में काम कर रहे वजीरएक्स, जेबपे, क्वाइनस्विच कुबेर, क्वाइन डीसीएक्स गो समेत कई एक्सचेंज चल रहे हैं. इसके अलावा क्वाइनबेस और बिनान्से जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म भी हैं, जहां से बिटक्वाइन, इथेरियम, टेथर और डॉजक्वाइन सहित दुनिया की सभी डिजिटल मुद्राएं खरीदी जा सकती हैं.

कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी?

देश में क्रिप्टोकरेंसी मुद्राओं की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. इन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. ये डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं. इसे एक डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम से मैनेज किया जाता है. इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन होता है. क्रिप्टोग्राफी की मदद से इसका रिकॉर्ड रखा जाता है. इसके जरिए खरीदी को क्रिप्टो माइनिंग कहा जाता है क्योंकि हर जानकारी का डिजिटल रूप से डेटाबेस तैयार होता है. जिनके द्वारा यह माइनिंग की जाती है, उन्हें माइनर्स कहा जाता है.

क्यों कहते हैं अनियमित बाजार

क्रिप्टोकरेंसी का पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से होता है. हमेशा करेंसी के लेन-देन के बीच में सरकार की मध्यस्थ होता है, जैसे भारत में केंद्रीय बैंक, लेकिन क्रिप्टो के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं है. इसे ऑनलाइन संचालित किया जाता है, जिसके चलते इसे अनियमित बाजार के तौर पर जाना जाता है. इस समय दुनिया में सबसे अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन है.