रायपुर। राज्यपाल के अभिभाषण पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि सरकार ने राज्यपाल से असत्य कथन कहलवाया. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री रामसेवक पैकरा पुलिस को ठीक करने की बजाय बाबाओं के चक्कर में पड़ गए हैं.

सत्यनारायण शर्मा ने गृहमंत्री पैकरा पर निशाना साधते हुए कहा कि गृहमंत्री के कहने से एक सिपाही तक का ट्रांसफर नहीं होता. ऐसे विभाग में रहने का क्या फायदा. उन्होंने कहा कि
प्रदेश में लगातार तीसरी बार सूखा पड़ा है, लेकिन दुर्भाग्य है कि सरकार सूखे पर सदन में चर्चा नहीं करा रही. उन्होंने कहा कि राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने भी इस पर कुछ नहीं कहा. उन्होंने कहा कि जो सूखे के बारे में कुछ जानता नहीं, वो सूखे पर क्या चर्चा करवाएगा.

सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि ये सरकार केवल पीएम नरेंद्र मोदी का गुणगान कर रही है. राजस्थान में कांग्रेस ने बीजेपी के बारह बजा दिए फिर भी ये 2022 की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सदन में मांग करते हैं कि सरकार श्वेत पत्र जारी करे. उन्होंने कहा कि सरकार जवाब दे कि राज्य से कितने लोगों ने पलायन किया, कितने किसानों की हालत खराब है.

किसानों के हालात और सूखे की स्थिति पर सत्यनारायण शर्मा का बयान

सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि सूखे के हालात को लेकर वैज्ञानिकों ने पहले ही आगाह कर दिया था, सरकार ने फिर भी पहले से कोई तैयारी नहीं की. ये सरकार का सबसे बड़ा फेल्योर है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर नदियों का पानी किसानों को नहीं मिल रहा है, बल्कि उद्योगों को मिल रहा है.

सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि राजस्व विभाग में तहसीलदार और पटवारी लेवल के काम के लिए 50 हजार देना पड़ता है, जो काम पहले 2 हजार रु में हो जाता था. जब किसानों को बिजली की जरूरत होती है तो पॉवर कट किया जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की कोई सुध नहीं ले रही. उन्होंने कहा कि 15.19 लाख किसानों का पंजीयन धान बेचने के लिए हुआ, लेकिन 12.6 लाख किसानों ने ही धान बेचा. यानि सिर्फ 32% किसान धान बेच पाए, क्योंकि सरकार पर किसानों को भरोसा नहीं. उन्होंने कहा कि सिर्फ 56.88 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी हुई, पिछले 8 सालों में सबसे कम धान की खरीदी हुई है.

सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि किसानों की औसत मासिक आय मात्र 6,175 रुपए है. औसत दैनिक आय किसानों की मात्र 201 रुपए है. उन्होंने कहा कि ये सरकार किसान विरोधी है.