रायपुर। 14वें वित्त आयोग की राशि से मोबाइल टॉवर लगाने के सरकार के फैसले के विरोध में विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव दिया. विपक्ष ने स्थगन ग्राह्य करने का आग्रह किया. कांग्रेस विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा कि ये ग्राम पंचायतों के अधिकार में कटौती है. वहीं भूपेश बघेल ने कहा कि ये संगठित लूट का एक जीताजागता उदाहरण है. बिना सरपंच-सचिव के हस्ताक्षर किए बगैर ही राशि का हस्तांतरण हो गया.

वहीं कवासी लखमा ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ होगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से ज्यादा अधिकार कानून में ग्राम पंचायतों को दिया गया है. इस कानून की धज्जियां उड़ाने की कोशिश सरकार ने की है.

इस पर काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की, जिसके जवाब में सत्तापक्ष ने भी नारेबाजी की. सदन में भारी शोरगुल के बीच आसंदी ने कहा कि पहले ध्यानाकर्षण दिया है, उसके बाद स्थगन प्रस्ताव आया है. विपक्ष ने आसंदी के तर्क का विरोध करते हुए कहा कि ये उनका विशेषधिकार है कि वे कब किस मुद्दे को उठाना चाहते हैं. सदन में दोनों पक्षों ने भारी नारेबाजी की और सदन में भारी शोरगुल मचा रहा.

आसंदी से काम रोको प्रस्ताव खारिज कर दिए जाने पर विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की. आसंदी ने कहा कि इस मसले पर बजट पर चर्चा के दौरान बात हो सकती है. आसंदी ने नेता प्रतिपक्ष के ध्यानाकर्षण की सूचना देने का हवाला दिया. विपक्ष ने सरकार पर पंचायत से लूट का आरोप लगाते हुए सदन में चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया. भारी हंगामे के बीच ही सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.